पुलिस ने बताया जांबाज पत्रकार मुकेश चंद्राकर का कातिल ठेकेदार सुरेश चंद्राकर कैसे पकड़ा गया?
रायपुर l छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकार हत्याकांड के मुख्य आरोपी सड़क निर्माण ठेकेदार सुरेश चंद्राकार ने घटना से चार-पांच दिन पहले ही हत्या की कथित तौर पर साजिश रची थी. यह जानकारी एसआईटी ने दी है. एसआईटी के बयान के मुताबिक, सुरेश चंद्रकार ने घटना से चार दिन पहले 27 दिसंबर को अपने बैंक खाते से बड़ी रकम भी निकाली थी.
छत्तीसगढ़ में पहली बार पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड की जांच में डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया गया. एसआईटी ने जांच के दौरान AI और OSINT Tool का इस्तेमाल किया है. हत्या के लिए इस्तेमाल किए गए लोहे के रॉड सहित अन्य सामान बरामद कर लिए गए हैं. इसके साथ ही मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर समेत सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
पुलिस मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर तक पहुंचने के लिए पहले आरोपी रितेश चंद्राकर, महेन्द्र रामटेके और दिनेश चन्द्राकर को पकड़ा. , 3 जनवरी को पुलिस को पता चला कि सुरेश चंद्राकर बीजापुर से इनोवा वाहन में फरार हो गया है. हालांकि उसे पकड़ने के लिए चार टीमों को रवाना किया गया. छत्तीसगढ़ पुलिस के अलावा महाराष्ट्र, तेलंगाना और ओडिशा पुलिस की भी मदद ली गई. सुरेश तक पहुंचने के लिए करीब 100 से ज्यादा CDR निकाले गए. CCTV कैमरे खंगाले गए. दौरान AI और OSINT Tool का इस्तेमाल किया है.50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई है. 2 दिन की मेहनत के बाद 05 जनवरी की देर रात पुलिस सुरेश तक पहुंच गई. इसे पकड़ने के लिए पुलिस ने 200 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और करीब 300 मोबाइल नंबरों को ट्रेस किया.मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर हैदराबाद में अपने ड्राइवर के घर पर छिपा हुआ था, जहां से पुलिस आरोपी को धर दबोचा.
मुकेश चंद्राकर की हत्या करने वाले मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर हैदराबाद में अपने ड्राइवर के घर पर छिपा हुआ था.दिनेश चंद्राकर 1 जनवरी की रात को वारदात के बाद सबूत छिपाने और सुरेश चंद्राकर की पूर्व नियोजित योजना के अनुसार आरोपियों को भागने में मदद करने के लिए करने के लिए आया था. सुरेश चंद्राकर ने घटना के समय शहर से बाहर रहने की योजना बनाई थी, ताकि उस पर संदेह न हो. रितेश, दिनेश और महेंद्र ने साजिश के तहत तहत मुकेश चंद्राकर के दो मोबाइल फोन बीजापुर से करीब 65 किलोमीटर दूर तुमनार नदी में फेंक दिया था.