राजनीति

कांग्रेस को मिला मौका भाजपा पर आरोप लगाने का,सोना गिरवी रख लोन लेने वाले नहीं चुका पा रहे EMI,सरकार मंगलसूत्र चुरा रही है…

 दिल्ली l एक खबर आई की सोना गिरवी रखकर लोन लेने वाले अपनी ईएमआई तक नहीं चुका पा रहे. सोना पर लोन न चुकाने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. इस खबर से अब कांग्रेस को सरकार को घेरने का मौका मिल गया. कांग्रेस ने दावा किया कि देश में ‘गोल्ड लोन’ (सोना गिरवी रखकर लोन लेना) में अदायगी नहीं करने के मामले बढ़ रहे हैं. इससे आम लोगों को अपनी सोने की संपत्ति खोनी पड़ रही है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकसभा चुनाव के समय दिए एक बयान का हवाला देते हुए आरोप लगाया. कहा कि गलत प्राथमिकताओं के कारण यह सरकार ‘महिलाओं से मंगलसूत्र छीनने वाली’ इकलौती सरकार बन गई है.

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के पास देश में जारी आर्थिक संकट का कोई हल नहीं है. सरकार अब लोगों के मंगलसूत्र चुरा रही है. कांग्रेस ने गुरुवार को केंद्र सरकार को आजाद भारत की पहली सरकार बताया, जिसने ‘मंगलसूत्र चुराए’ हैं. दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के गोल्ड लोन एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) जून 2024 तक 30 प्रतिशत बढ़कर 6,696 करोड़ रुपये हो गया. इसी रिपोर्ट को कांग्रेस ने अपना हथियार बनाया.

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने एक्स पर कहा, ‘ऐसे समय में प्रधानमंत्री मंगलसूत्र चुराने की किसी काल्पनिक साजिश को लेकर डर फैला रहे थे, हमने उनके कार्यकाल में गोल्ड लोन में तेजी से वृद्धि के मुद्दे को उठाया था. भारतीय परिवारों ने अनुमानित 3 लाख करोड़ रुपये के गोल्ड लोन लिए हैं. यह आज तक बकाया है.’ उन्होंने दावा किया कि कर्ज के बोझ में दबने के बढ़ते मामले और अर्थव्यवस्था के सुस्त होने के साथ, ‘गोल्‍ड लोन’ की अदायगी नहीं होने के मामले भी बढ़ रहे हैं.

कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘जब परिवार इस तरह के ऋण के मामलों में अदायगी नहीं करते हैं, तब आम तौर पर उन्हें अपनी सोने की संपत्ति खोनी पड़ती है. ज़्यादातर मामलों में महिलाओं के आभूषण होते हैं, जिसमें मंगलसूत्र भी शामिल है.’ रमेश ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के ‘मित्र पूंजीवाद’, मनमौजी नीति निर्माण और गलत प्राथमिकताओं ने इसे स्वतंत्र भारत के इतिहास में महिलाओं से मंगलसूत्र छीनने वाली एकमात्र सरकार बना दिया है.

2024 में मार्च और जून के बीच तीन महीनों में गोल्ड लोन से संबंधित एनपीए का अनुपात 30 प्रतिशत बढ़ा है. यह 5,149 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,696 करोड़ रुपये हो गया है. उनका कहना था, ‘ये तो सिर्फ औपचारिक क्षेत्र के गोल्ड लोन हैं. इसका कोई अनुमान नहीं है कि कितने परिवारों ने अनौपचारिक क्षेत्र का सहारा लेकर इस तरह का लोन लिया हुआ है.’

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