ये सीक्रेट चार्ज लगते हैं Second Hand Car खरीदने पर, समझ लें ये गणित खरीदने से पहले ..
ऑटोमोबाइल l नई कार अक्सर लोगों की जेब पर काफी भारी पड़ती है। इस वजह से भारत में अब अधिकतर लोग सेकंड हैंड कार खरीदने के बारे में विचार करने लगे हैं। लेकिन सेकंड हैंड कार पर कुछ सीक्रेट चार्ज यानी शुल्क भी लगते हैं। अक्सर लोग सेकंड हैंड कार खरीदने से पहले इस चीज पर बहुत ध्यान नहीं देते हैं।
कोई भी व्यक्ति जो सेकंड हैंड कार खरीदने के बारे में सोच रहा है, उसे पहले यह नियम जान लेना चाहिए। कार खरीदने के दौरान आपको गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट यानी RC और इंश्योरेंस अपने नाम करवाना पड़ता है। कोई व्यक्ति दूसरे राज्य से कार खरीदता है तो उसे कुछ अन्य चीजों पर भी अतिरिक्त पैसे खर्च करने पड़ते हैं। दूसरे राज्य से कार खरीदने पर आपको पहले NOC यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी लेना होगा। इसके लिए भी कुछ पैसों का भुगतान करना पड़ता है।
अक्सर सेकंड हैंड कार खरीदते हुए लोग कार की कागजी कार्यवाही पर खर्च होने वाले पैसों को कीमत के साथ जोड़कर नहीं देखते हैं। जिस तरह नई कार की एक्स-शोरूम कीमत और ऑन-रोड कीमत में अंतर होता है वैसे ही सेकंड हैंड कार की अपनी कीमत और कागजी कार्यावाही का खर्च भी अलग-अलग होता है।
आप सेकंड हैंड कार खरीदते हैं तो आपको 300-500 रुपये RC ट्रांसफर करवाने पर खर्च करने होंगे। साथ ही इंश्योरेंस ट्रान्सफर करवाने के लिए आपको 500 से 1500 रुपये जितना खर्च उठाना पड़ेगा। यह खर्च बीमा कंपनियों केअनुसार बताया गया है। असल चार्ज इससे कम या ज्यादा भी हो सकता है। किसी और राज्य से कार के लिए NOC प्राप्त करने के लिए आपको 200-500 रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। इसके साथ ही रोड टैक्स का भुगतान भी करना होता है।