राजधानी रायपुर में आज धरना-प्रदर्शन — गुरुचरण सिंह होरा की गिरफ्तारी की मांग तेज…

रायपुर। राजधानी में आज आज़ाद चौक स्थित गांधी प्रतिमा के पास गुरुचरण सिंह होरा पीड़ित संघ द्वारा बड़ा धरना-प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है। संघ ने जमीन फर्जीवाड़े के गंभीर मामले में मुख्य आरोपी गुरुचरण सिंह होरा समेत अन्य आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग उठाई है।
🔍 मामला क्या है — मृत महिला को ‘जीवित’ बताकर जमीन रजिस्ट्री का आरोप
पीड़ित संघ ने आरोप लगाया है कि:
- मृत महिला चमारीन बाई सोनकर को जीवित दिखाकर
- आरोपी गुरुचरण सिंह होरा और उसके रिश्तेदारों ने
- अपने परिचितों तथा परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री करवा ली।
यह मामला गंभीर दस्तावेज़ी धोखाधड़ी, जालसाजी और षड्यंत्र के रूप में देखा जा रहा है।

📝 कौन-कौन आरोपी हैं?
पीड़ित संघ के अनुसार, पुलिस ने निम्न लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है:
- गुरुचरण सिंह होरा
- रंजीत सिंह
- मंजीत सिंह
- हरपाल सिंह
- इंद्रपाल सिंह
- तथा अन्य संबंधित व्यक्ति
आरोपियों पर मृत महिला के नाम पर फर्जी दस्तावेज़ तैयार करने और सरकारी रजिस्ट्री प्रक्रिया को धोखा देने का आरोप है।
🚨 पुलिस कार्रवाई पर सवाल
पीड़ित संघ के सदस्यों का कहना है कि:
- सिविल लाइंस थाना ने मामला दर्ज तो कर लिया है,
- लेकिन मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई है,
- जिसकी वजह से पीड़ितों में नाराजगी और असंतोष बढ़ रहा है।
संघ ने आरोप लगाया कि “जुर्म दर्ज होने के बाद भी पुलिस कार्रवाई धीमी है, जबकि मामला बेहद गंभीर प्रकृति का है।”
✊ आज का कार्यक्रम — धरना, विरोध और हनुमान चालीसा पाठ
- प्रदर्शनकारी सुबह से आज़ाद चौक गांधी प्रतिमा के पास एकत्र होंगे।
- संघ के पदाधिकारी और पीड़ित परिवार जन मंच से अपनी बात रखेंगे।
- विरोध के दौरान हनुमान चालीसा पाठ भी किया जाएगा — इसे सांकेतिक तौर पर न्याय की माँग और अन्याय के खिलाफ आवाज के रूप में देखा जा रहा है।
⚖️ पीड़ित पक्ष की मांगें
- मुख्य आरोपी गुरुचरण सिंह होरा की तत्काल गिरफ्तारी
- मामले की तेजी से जाँच
- रजिस्ट्री में शामिल अधिकारियों/कर्मचारियों की भूमिका की जाँच पड़ताल
- पीड़ित परिवार को कानूनी सुरक्षा और सहायता
📌 परिस्थिति का महत्व
यह मामला राजधानी में तेजी से सुर्खियों में है क्योंकि—
- इसमें पहले से मृत महिला को जीवित दिखाकर रजिस्ट्री कराने का गंभीर आरोप शामिल है,
- और ऐसी धोखाधड़ी से भूमि विवादों और दस्तावेज़ी अपराधों की संवेदनशीलता उजागर होती है।
पीड़ित संघ का दावा है कि यदि पुलिस कार्रवाई समय पर नहीं हुई, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।



