राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन होगा रायपुर में …
रायपुर l छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 14 एवं 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के भव्य राज्य स्तरीय आयोजन की तैयारी की जा रही है. साइंस कॉलेज मैदान में जनजातीय गौरव दिवस के दौरान 14 एवं 15 नवंबर को पूर्वान्ह 11 बजे से लेकर रात्रि 8 बजे तक जनजातीय गौरव पर आधारित विविध कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिसमें विषय विशेषज्ञ सहित कई राज्यों के आदिवासी कलाकार, आदिवासी कला संस्कृति के मर्मज्ञ शामिल होंगे.
दो दिवसीय राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन को भव्य एवं यादगार बनाने के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा देश के विभिन्न राज्यों से आदिवासी नर्तक दलों एवं कलाकारों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जा रहा है. अब तक 18 राज्यों के 22 आदिवासी नर्तक दलों ने इस दो दिवसीय आयोजन में शामिल होने के लिए अपनी सहमति दी है, जिसमें अरूणांचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैण्ड, मेघालय, आसाम, त्रिपुरा, उत्तराखण्ड, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित अन्य राज्यों के आदिवासी नर्तक दल शामिल हैं. इनमें पुरूष एवं महिला कलाकारों की संख्या लगभग 425 हैं.
भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती ’जनजातीय गौरव दिवस’ के उपलक्ष्य में 14 एवं 15 नवंबर को राजधानी रायपुर में दो दिवसीय राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 नवंबर को जमुई बिहार से वर्चुअल रूप से जुड़कर इस समारोह का शुभारंभ करेंगे और पीएम जनमन योजना में शामिल जिलों के हितग्राहियों से चर्चा भी करेंगे. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में भी एक दिवसीय गौरव दिवस का आयोजन किया जा रहा है.
आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि जनजातीय गौरव दिवस के शुभारंभ कार्यक्रम का लाइव प्रसारण पीएम जनमन योजना में शामिल जिलों में दो-तरफा संवाद एवं शेष जिलों में केबल प्रसारण की व्यवस्था की जा रही है. साइंस कॉलेज मैदान में जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले विविध कार्यक्रमों की शुरूआत 14 नवंबर को पूर्वान्ह 11 बजे से होगी. इस दौरान अतिथिगणों के उद्बोधन के साथ ही अन्य कार्यक्रम आयोजित होंगे. उन्होंने बताया कि 14 नवंबर एवं 15 नवंबर को साइंस कॉलेज मैदान में संध्या 3 बजे से अंतर्राज्यीय लोक नर्तक दलों के सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति के साथ-साथ जनजातीय गौरव से संबंधित विषयों पर संगोष्ठी का आयोजन तथा जनजातीय जीवन शैली पर चित्रकला का प्रदर्शन होगा.