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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन के लिए प्रस्थान की, जहाँ वे 23–24 जुलाई की दो दिवसीय यात्रा करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 जुलाई 2025 को ब्रिटेन के लिए प्रस्थान करते हुए इस दौरे की शुरुआत की, जहाँ वे 23–24 जुलाई की दो दिवसीय यात्रा करेंगे। यह यात्रा कई महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ी है:

📌 यात्रा की मुख्य घटनाएँ
1. फ्री-ट्रेड डील (FTA) पर हस्ताक्षर
- 24 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के बीच भारत–यूके बीच लॉन्ग-ऑगुर्ड फ्री-ट्रेड डील पर हस्ताक्षर किए जाएंगे—इस समझौते को ब्रिटेन का Brexit के बाद सबसे बड़ा ट्रेड डील माना जा रहा है, जबकि भारत के लिए यह पहले एशिया के बाहर का प्रमुख FTA है ।
- यह डील भारत से ब्रिटेन की ओर 99% आयातों (जैसे वस्त्र, गहने, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा) पर तत्काल शून्य शुल्क लागू करेगी, वहीं ब्रिटेन की ओर से लगभग 90% वस्तुओं पर चरणबद्ध दरों से निर्यात शुल्क में कमी होगी
2. कैबिनेट की मंज़ूरी
- 22 जुलाई को भारत की कैबिनेट ने इस Comprehensive Economic and Trade Agreement (CETA) को मंज़ूरी दी—अब इसे ब्रिटिश संसद में भी पारित होना है। इसके तहत भारतीय कपड़ा, चमड़े, फुटवियर जैसे श्रमिक-आधारित उद्योगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है ।
3. प्रमुख लाभ
- ब्रिटिश स्कॉच व्हिस्की पर भारतीय शुल्क 150% से घटकर 75% (तत्काल) और 10 वर्षों में 40% तक पहुंचेंगे;
- ब्रिटिश कारों पर 100% से घटाकर मात्र 10% के कोटा आधारित शुल्क लागू होगा
- इसके अलावा बर्तेनर माल—चॉकलेट, जूते, मेडिकल डिवाइस और अन्य—भी शुल्क में बड़ी छूट से लाभान्वित होंगे
4. बैठकें और वार्ता
- प्रधानमंत्री मोदी कीर स्टार्मर के साथ व्यापार, ऊर्जा, शिक्षा, सुरक्षा, रक्षा और सेवा-क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे
- वे King Charles III से भी मिलेंगे—शाही सम्मान के साथ राजनैतिक और सांस्कृतिक वार्ता का दौर रहेगा
5. सुरक्षा व रणनीतिक पत्र
- यात्रा के दौरान कठोर सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं—ब्रिटेन में खालिस्तानी और अन्य उग्रवादी तत्वों से निपटने के लिए नई सुरक्षा योजनाएँ लागू हैं।
- दोनों देश शरणार्थी नीतियों, विदेशी अपराधियों की प्रत्यर्पण व्यवस्था, आतंकवाद एवं उग्रवादी गतिविधियों को लेकर व्यापक रूप से चर्चा करेंगे ।
🔭 इस यात्रा की वैश्विक और भारत-UK रणनीतिक महत्ता
पहलू | विवरण |
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आर्थिक लाभ | भारत का “Make in India” बढ़ेगा, श्रम आधारित उद्योगों को वैश्वीय बाजार मिलेगा; ब्रिटेन की स्कॉच और ऑटो कंपनियों को भारत में पहुंच बढ़ेगी |
संरचनात्मक सुधार | ईवी, शिक्षा, रक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग से विकास को बढ़ावा मिलेगा |
सुरक्षा साझेदारी | उग्रवादी नियंत्रण, दस्तावेज एवं फोरेंसिक सहयोग विस्तार पाएगा |
प्रवासी-कर्मचारी व्यवस्था | सामाजिक सुरक्षा समझौते, शॉर्ट-टर्म वर्कविज़ा, डबल-कन्ट्रिब्यूशन नियम शामिल हैं |
✅ निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी की यह ब्रिटेन यात्रा दो ही देशों के बीच आर्थिक प्रभुत्व नहीं, बल्कि एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी की नींव रखती है — जिसमें व्यापार, सेवा, सुरक्षा, शिक्षा, जलवायु, प्रवासी-नीतियां और रक्षा तक शामिल हैं। साथ ही, यह भारत की वैश्विक पहचान मजबूत करने वाला कदम है।