नेशनल अवॉर्ड लेने रिक्शे में गए थे Manoj Bajpayee,
मनोरंजन l 70 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में मनोज बाजपेयी को ‘गुलमोहर’ फिल्म के लिए स्पेशल मेंशन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। अक्टूबर में वह इसे लेने के लिए पुरस्कार समारोह में शामिल होंगे। इस खास दिन के लिए मनोज जो भी पहनकर जाएंगे, उसके लिए उनकी पत्नी शबाना रजा की सहमति बेहद जरूरी है।
मनोज को जब पहला राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था, उन दिनों वह इंटरव्यू देने के लिए ऑटो रिक्शा से सफर करते थे। आज उनके पास बड़ा घर और गाड़ी है। उन दिनों को वह कैसे याद करते हैं?
आज जो मेरे पास सुख-सुविधाएं हैं, वह केवल मेरे काम की वजह से मिल रही हैं। मेरी बड़ी गाड़ी की वजह से मुझे काम नहीं मिलता है। मेरे काम की वजह से मेरे पास बड़ी गाड़ी और घर है। अगर इस नजरिए के साथ आप रहेंगे, तो फिर ऑटो-रिक्शा में भी आसानी से बैठ सकते हैं, सब्जियां खरीदने के लिए बाजार जा सकते हैं।
अगर मैं बड़ी गाड़ी के बावजूद रिक्शा से जा रहा हूं, तो इसलिए जाऊंगा कि मेरे पास कोई और चारा नहीं होगा। जब मेरे ड्राइवर समय पर नहीं आते हैं और मुझे मीटिंग या नरेशन के लिए जाना होता है, तो मैं रिक्शा लेकर निकल जाता हूं। मेरे ड्राइवर के पास देरी से आने के ढेरों कारण हो सकते हैं। मेरे पास देर करने का एक भी कारण नहीं है। मेरे गुरु बैरी जॉन सर ने मुझे कहा था कि नेवर वेट फॉर द कार यानी कार के लिए कभी प्रतीक्षा मत करना। इसका एक मतलब यह भी है कि मटेरियलिस्टिक सुख-सुविधाओं पर निर्भर मत रहना!’