
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने हाल ही में प्रदेश में सड़कों पर घूमने वाले निराश्रित पशुओं (आवारा मवेशियों) की समस्या को लेकर प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट कहा है कि:

🐄 मुख्य बातें:
- निराश्रित पशुओं पर नियंत्रण जरूरी:
- इन पशुओं के कारण सड़क दुर्घटनाओं, यातायात जाम, और जनसुरक्षा को खतरा बढ़ रहा है।
- यह खेती-किसानी को भी प्रभावित करता है क्योंकि ये मवेशी अक्सर खेतों में घुसकर फसल बर्बाद कर देते हैं।
- स्थायी समाधान के निर्देश:
- सभी जिलों में गौ-आश्रय स्थलों (गौठानों) का विस्तार हो।
- निराश्रित पशुओं को इन स्थलों में शिफ्ट किया जाए।
- स्थानीय निकायों और पंचायतों को दायित्व सौंपने की बात कही गई है।
- जनभागीदारी पर बल:
- उन्होंने यह भी कहा कि गौ-सेवा से जुड़े संगठनों, समाजसेवियों और ग्रामवासियों की सहभागिता से ही यह अभियान सफल हो सकता है।
- साप्ताहिक समीक्षा करने के निर्देश:
- जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे इस विषय पर सप्ताह में एक बार समीक्षा बैठक करें।
- बजट और संसाधन:
- इस दिशा में वांछित धनराशि और संसाधन उपलब्ध कराने का भरोसा भी दिलाया गया है।
🌿 पृष्ठभूमि:
छत्तीसगढ़ में नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी योजना के तहत पहले ही पशुधन संरक्षण और खेती सुधार को प्राथमिकता दी गई है। मुख्यमंत्री का यह ताजा बयान उसी योजना को मजबूती देने और सड़क सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है।