मां लिंगेश्वरी मंदिर का द्वार आयी है जो केवल साल में एक बार खुलता है खुलते ही भक्तो की भीड़ उमड़ी…
कोण्डागाँव। 18 सितंबर को विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद माता लिंगेश्वरी गुफा मंदिर का द्वार श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला गया. श्रद्धालु इस द्वार के खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.
ग्राम झाटीबन की पहाड़ियों में एक ऐसी गुफा हैं, जहां माता लिंगेश्वरी विराजमान हैं. इस गुफा मंदिर का द्वार साल में एक बार एक ही दिन के लिए बुधवार को खोला गया. लिंगेश्वरी माता के मंदिर का द्वार खोलने की तैयारी सुबह करीब 4 बजे समिति के सदस्य, ग्राम प्रमुख व पुजारी ने की. पूरे रीति-रिवाज से पूजा-अर्चना करने बाद गुफा मंदिर के मुख्यद्वार पर रखे पत्थरों को हटा कर खोला गया.
द्वार खोलने के बाद दर्शन व मन्नत के लिए naga788 आए हजारों की संख्या में आए श्रद्धालुओं को गुफा के बाहर से माता के दर्शन करने दिया गया. मंदिर समिति, जिला प्रशासन, पुलिस की टीम मंदिर तक पहुंचने में श्रद्धालुओं की मदद कर रहे हैं. पिछले साल की अपेक्षा इस साल दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ी है. श्रद्धालु सुबह से लेकर देर रात तक बारी-बारी से माता के दर्शन कर अपनी मनोकामना की पूर्ति की कामना करते हैं.
आलोर झाटीबन में प्रति वर्ष भादो महीना की नवमी तिथि के बाद आने वाले प्रथम बुधवार को प्रसिद्ध लिंगाई माता गुफा का द्वार खुलता है. सेवा अर्जी के बाद उसके अंदर रेत में उभरे पदचिन्हों को देखकर पुजारी द्वारा वर्ष भर की भविष्यवाणी करते हैं. समिति के सदस्यों ने कहा कि प्रत्येक वर्ष अलग-अलग जीव-जंतुओं के पदचिन्ह गुफा के अंदर रेत में उभरे रहते हैं. इस वर्ष बिल्ली के पैर के चिन्ह पाए गए हैं, जिसका मतलब है कि इस वर्ष मंदिर के उत्तर दिशा वाले क्षेत्र में भय और वाद-विवाद की स्थिति रहेगी.