छत्तीसगढ़राजनीति

कृषि एवं आदिवासी विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कांकेर जिले के जिला कार्यालय सभागार में तीन जिलों के विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक की।

उच्च प्राथमिकता के साथ कृषि एवं आदिवासी विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने 30 जुलाई 2025 को कांकेर जिले के जिला कार्यालय सभागार में धमतरी, बालोद और कांकेर जिलों के विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने कृषि, किसान कल्याण और आदिवासी विकास से जुड़ी योजनाओं की प्रगति का समग्र आकलन किया एवं अगले कदमों पर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए।


📌 बैठक का उद्देश्य

  • तीनों जिलों में कृषि एवं आदिवासी विकास योजनाओं के कार्यान्वयन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा।
  • खाद–बीज वितरण, जैविक खेती, पारंपरिक फसलों तथा आश्रम-छात्रावासों की गतिविधियों पर निगरानी।
  • जिम्मेदार अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दें, ताकि लाभ सीधे अंतिम किसान व बालकों तक पहुंचे।

🚜 कृषि एवं किसान कल्याण: प्रमुख निर्देश और समीक्षा

  1. जैविक खेती और पारंपरिक फसलें
    • मंत्री ने अधिकारियों से आग्रह किया कि किसान जैविक खेती, कोदो-कुटकी जैसी लाभकारी पारंपरिक फसलों की ओर प्रेरित हों।
    • रासायनिक उर्वरकों के सीमित उपयोग और जैविक खाद के उपयोग पर जोर दिया गया।
      1. खाद एवं बीज वितरण
    • बीज एवं खाद (धान बीज, यूरिया, DAP, NPK) की समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
    • वितरण के आँकड़ों में:
      • कांकेर में 38,869 क्विंटल धान बीज का उपलब्धः 34,756 क्विंटल
      • यूरिया: 25,568 में से 20,526 मीट्रिक टन
      • DAP: 7,024 में से 6,002 मीट्रिक टन
      • NPK: 9,129 में से 7,217 मीट्रिक टन वितरित हुआ ।
        1. प्रधानमंत्री योजना लाभार्थी
    • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY): वर्ष 2024‑25 में 75,559 किसान, और वर्ष 2025‑26 में 17,575 किसान बीमित हुए।
    • पीएम किसान सम्मान निधि योजना: कांकेर जिले के 82,395 किसानों को लाभ प्राप्त हुआ।

🌱 आदिवासी विकास एवं छात्रावासों पर समीक्षा

  • मंत्री रामविचार नेताम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आश्राम-छात्रावासों में रहने वाले आदिवासी बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित हो।
  • स्वच्छता, बिजली, पेयजल, शौचालय, सुरक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं की नियमित समीक्षा और वार्षिक निरीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
  • विद्यार्थियों के लिए पौधरोपण गतिविधियों का आयोजन करने के निर्देश दिए गए ।
  • आदिवासी विकास विभाग के आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर ने निर्माण कार्यों की शीघ्रता और सार्वजनिक संसाधनों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने पर बल दिया।
  • कलेक्टर श्री निलेशकुमार ने उन्नत कृषि कार्ययोजना तैयार करने तथा छात्रावासों के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश जारी किए।

🎯 परिणाम और प्रभाव

क्षेत्रप्रमुख निर्देश और अपेक्षित लाभ
कृषि विकासजैविक खेती और कोदो-कुटकी को बढ़ावा, किसानों को समर्थन योजनाओं से जोड़ना
बीज-खाद वितरणसमयबद्ध और पारदर्शी वितरण, अधिकतम किसानों तक सहायता पहुँचाना
बीमा और निधिलाखों किसानों को लाभान्वित करना, वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित
आदिवासी विकासछात्रावासों में सुविधाओं की गुणवत्ता सुधार, बच्चों का सर्वांगीण विकास
निगरानी व्यवस्थानियमित निरीक्षण और रिपोर्टिंग से योजनाओं का प्रभाव बढ़ाना

🧭 निष्कर्ष

श्री रामविचार नेताम की यह समीक्षा बैठक तीन कृषि-आदिवासी प्रभावित जिलों में योजनाओं की प्रभावशाली कार्यान्वयन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की महत्वपूर्ण पहल थी। स्पष्ट लक्ष्य, आंकड़ों आधारित फ़ीडबैक और तीव्र सुधारात्मक दिशा-निर्देशों से यह सिद्ध होता है कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण और आदिवासी जीवन स्तर सुधार हेतु समर्पित रूप से काम कर रही है।

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