Google Maps पर अंधा भरोसा कितना सही?
टेक्नोलॉजी l गूगल मैप्स पर अंधा भरोसा खतरनाक हुआ बरेली में ,हाल ही में बरेली में तीन दोस्त गूगल मैप्स को देखकर चल रहे थे, लेकिन उनकी कार एक अधूरे पुल पर जा चढ़ी, जो आगे से खत्म था. कार पुल से नीचे गिर गई और तीनों की मौत हो गई.
केरल में भी इसी तरह की एक घटना हुई थी, जहां दो डॉक्टरों की कार गूगल मैप्स के बताए रास्ते पर चलते हुए नदी में गिर गई और वे डूब गए. ये घटनाएं न केवल गूगल मैप्स के काम करने के तरीके पर सवाल उठाती हैं, बल्कि यह भी दिखाती हैं कि टेक्नोलॉजी पर अंधाधुंध भरोसा खतरनाक हो सकता है.
, एक अधूरे पुल या बंद सड़क की जानकारी अगर सिस्टम में अपडेट नहीं है, तो गूगल मैप्स उसे सुरक्षित और चालू मान सकता है. क्योंकि उस रास्ते पर ट्रैफिक नहीं होता तो उसे लगता है कि यहां से जाना आसान होगा.गूगल मैप्स एक कॉम्प्लेक्स सिस्टम है, जो जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम), सैटेलाइट इमेजरी, रीयल-टाइम ट्रैफिक डेटा और यूजर अपडेट्स के जरिए रास्तों की जानकारी देता है. इसका एल्गोरिद्म यह तय करता है कि सबसे छोटा और आसान रास्ता कौन-सा होगा. लेकिन इसमें एक समस्या यह है कि यह डेटा पूरी तरह से अपडेटेड नहीं होता. अगर आप किसी अनजान रास्ते पर जा रहे हैं, तो केवल गूगल मैप्स पर निर्भर रहना सही नहीं है.
गूगल मैप स्तेमाल करते समय क्या सावधानियाँ रखे…..
- नेविगेशन शुरू करने से पहले गूगल मैप्स का सैटेलाइट व्यू देखें. इससे आप रास्ते के भौगोलिक हालात का अंदाजा लगा सकते हैं.
- गूगल मैप्स की ऑडियो गाइड का पालन करते हुए आसपास की स्थिति पर नजर रखना भी जरूरी है.
- अगर रास्ता संदिग्ध लगे तो उसे क्रॉस-वेरिफाई करना जरूरी है.