छत्तीसगढ़
CRPF जवानों को मिली सफलता, नक्सलियों के खुफिया डंप से भारी मात्रा में दैनिक सामाग्री बरामद…

घटना कहाँ और कब
- जिला: गरियाबंद (छत्तीसगढ़)
- स्थान: थाना मैनपुर क्षेत्र का भालुडिग्गी वन इलाका
- तारीख: 30 अगस्त 2025
- फोर्स: केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) की 65वीं बटालियन
- ऑपरेशन प्रकार: “C स्तर का एरिया डॉमिनेशन ऑपरेशन”
🔎 ऑपरेशन का विवरण
- सीआरपीएफ को पहले से गोपनीय खुफ़िया सूचना मिली थी कि नक्सली जंगल के अंदर सामग्री (आईईडी, हथियार/बारूद, दैनिक उपयोग की चीजें आदि) छिपाकर रखे हुए हैं।
- सूचना पर कार्रवाई करते हुए एफ/65 और जी/65 कंपनियों की संयुक्त टुकड़ी ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया।
- अभियान के दौरान जवानों को नक्सलियों का छिपाया हुआ स्टॉक मिला।

🧨 बरामदगी और नष्टिकरण
- मौके से बरामद सामग्री को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला गया।
- संदिग्ध विस्फोटक/सामग्री को बम डिस्पोज़ल टीम (BDDS) की मदद से वहीं जंगल में नियंत्रित विस्फोट (controlled detonation) द्वारा नष्ट कर दिया गया।
- बरामद सामग्री में आमतौर पर (हाल के पैटर्न के आधार पर) –
- IED बनाने में उपयोग होने वाले सामान,
- कारतूस/बारूद,
- पिट्ठू बैग,
- नक्सली प्रचार सामग्री,
- राशन व दवाइयाँ – शामिल हो सकती हैं।
(अधिकारिक प्रेस नोट में सटीक लिस्ट आने पर यह साफ होगा कि किस किस्म का सामान बरामद हुआ है।)
🎯 महत्व क्यों है
- नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम – छुपाए गए आईईडी/सामग्री का मतलब था कि नक्सली भविष्य में किसी बड़ी घटना (जैसे पेट्रोलिंग पार्टी या रोड ओपनिंग पार्टी पर हमला) की तैयारी में थे।
- जवानों की जान बची – इन विस्फोटकों के नष्ट होने से सुरक्षा बलों और स्थानीय ग्रामीणों पर खतरा टल गया।
- क्षेत्र में दबाव बनाना – “सी-लेवल एरिया डॉमिनेशन” का मकसद यही होता है कि जवान दूर-दराज के जंगल इलाकों में जाकर नक्सलियों की गतिविधियों को रोकें और ग्रामीणों में विश्वास बढ़ाएँ।
🚨 आगे की रणनीति
- ऐसे ऑपरेशन निरंतर चलाए जाएंगे ताकि नक्सली दोबारा जंगल में ठिकाने न बना सकें।
- ग्रामीणों को भी जागरूक किया जा रहा है कि यदि उन्हें जंगल में कोई संदिग्ध सामान मिले तो तुरंत सुरक्षा बलों को सूचना दें।