राजनीति
कांग्रेस ने हरियाणा के 32 जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) अध्यक्ष नियुक्त कर दिए…

- 12–13 अगस्त 2025 की रात कांग्रेस ने हरियाणा के 32 जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) अध्यक्ष नियुक्त कर दिए। सूची AICC महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने जारी की—यह 11 साल बाद हुआ बड़ा संगठनात्मक रिवैंप है।

क्यों कहा जा रहा है—‘ड्रीम राहुल’ की झलक?
- टॉप–डाउन नहीं, ऑब्ज़र्वर–ड्रिवन प्रक्रिया: DCC प्रमुख चुनने से पहले AICC ऑब्ज़र्वरों ने जिलों में जाकर फीडबैक लिया; फाइनल नाम हाईकमान ने तय किए। यह वही फ्रेमवर्क है जिसे राहुल गांधी ने जून में चंडीगढ़ दौरे पर “फैक्शनलिज़्म पर जीरो टॉलरेंस, 35–55 आयु, SC/BC/महिला प्रतिनिधित्व” जैसे मानदंडों के साथ रेखांकित किया था।
- ग्रासरूट आउटरीच पर फोकस: कई जिलों में अर्बन + रूरल के अलग अध्यक्ष, और अंबाला में तो सिटी/रूरल/कैंट—ताकि शहर–गांव दोनों में पकड़ बने।
- गुटों का बैलेंस + सोशल इंजीनियरिंग: मीडिया आकलनों के मुताबिक सूची में हुड्डा और सैलजा—दोनों खेमों को हिस्सेदारी मिली। कुछ रिपोर्टें हुड्डा खेमे की बढ़त (25 तक) बताती हैं, तो कुछ इसे लगभग बराबरी में बताती हैं। साथ ही OBC, जाट, SC, ब्राह्मण/बनिया आदि समुदायों का संतुलन साधा गया—OBC पर विशेष जोर दिखा, जिसे राज्य के OBC मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी के प्रभाव का जवाब भी माना जा रहा है।

किस–किस जिले में कौन बने DCC प्रमुख? (आधिकारिक सूची से)
- अंबाला कैंट: परविंदर परी; अंबाला सिटी: पवन अग्रवाल; अंबाला रूरल: दुष्यंत चौहान
- भिवानी रूरल: अनिरुद्ध चौधरी; भिवानी अर्बन: ** प्रदीप गुलिया**
- चरखी दादरी: सुशील धनक; फरीदाबाद: बलजीत कौशिक; फतेहाबाद: अरविंद शर्मा
- गुरुग्राम रूरल: वर्धन यादव; गुरुग्राम अर्बन: पंकज दावर
- हिसार रूरल: बृजलाल खोवाल; हिसार अर्बन: बजरंग दास गर्ग
- झज्जर: संजय यादव; जींद: ऋषि पाल; कैथल: रामचंद्र गुज्जर
- करनाल रूरल: राजेश वैद; करनाल अर्बन: पराग गाबा; कुरुक्षेत्र: मेवा सिंह
- महेन्द्रगढ़: सत्यवीर यादव; नूंह (मेवात): शाहिदा खान; पलवल: नेत्रपाल अधाना
- पंचकूला: संजय चौहान; पानीपत रूरल: रमेश मलिक
- रेवाड़ी रूरल: सुबाष चंद चावरी; रेवाड़ी अर्बन: प्रवीण चौधरी
- रोहतक रूरल: बलवान सिंह रंगा; रोहतक अर्बन: कुलदीप सिंह
- सिरसा: संतोष बेनीवाल; सोनीपत रूरल: संजेव कुमार दहिया; सोनीपत अर्बन: कमल देवान
- यमुनानगर रूरल: नार पाल सिंह; यमुनानगर अर्बन: देवेंद्र सिंह।
गुट–और जातीय समीकरण (क्या दिखा?)
- फैक्शन बैलेंस: इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार ~15 हुड्डा और ~12 सैलजा खेमे से चेहरे; जबकि द ट्रिब्यून के अनुसार हुड्डा खेमे के लगभग 25। मतलब—कुल मिलाकर हुड्डा का पलड़ा भारी, पर सभी बड़े खेमों (सैलजा, सुरजेवाला/‘कैप्टन’ खेमे) को भी स्पेस।
- समुदाय प्रतिनिधित्व: आकलनों में OBC को सबसे ज्यादा वेटेज दिखा; बाकी जाट, SC, ब्राह्मण/बनिया/राजपूत/पंजाबी/मुस्लिम/सिख प्रतिनिधि भी शामिल हैं। (रिपोर्ट्स में संख्याएँ थोड़ी अलग हैं, पर दिशा एक-सी है—OBC जोर और व्यापक सामाजिक संतुलन।)
- महिला प्रतिनिधित्व: सूची में कम से कम दो महिलाएँ—संतोष बेनीवाल (सिरसा) और शाहिदा खान (नूंह)—स्पॉटलाइट में रहीं। (कुछ रिपोर्टों में महिला संख्या पर मतभेद दिखा, पर HT की सूची में दोनों नाम हैं।)
राजनीतिक संदेश/अगले कदम
- संगठन का रिकंस्ट्रक्शन: जिला प्रमुख अब ब्लॉक/बूथ टीम बनाएँगे—इसी से ज़मीनी नेटवर्क मज़बूत होगा। यह संगठन सृजन अभियान की अगली कड़ी है।
- टेकअवे: तीन विधानसभा हार के बाद कांग्रेस ने हरियाणा में गुटबाज़ी पर अंकुश + सामाजिक समीकरण + शहर–गाँव आउटरीच—इन तीन स्तंभों पर नई शुरुआत का मैसेज दिया है।