छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ विधानसभा में हाल के सत्र के दौरान सायबर अपराध को लेकर कड़वी बहस हुई,,,,

छत्तीसगढ़ विधानसभा में हाल के सत्र के दौरान सायबर अपराध को लेकर कड़वी बहस हुई, जिसमें सत्ता पक्ष के विधायक गृह मंत्री पर ज़ोरदार टिप्पणी के साथ सवाल उठाए। नीचे विस्तार से देखें:


🏛️ सदन में क्या हुआ?

1. प्रश्नकाल में मुद्दा उठना

  • भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सदन में डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड की गंभीरता को उठाया—विशेष रूप से ऑनलाइन ठगी, फ्रीज न किए गए बैंक खाते, और साइबर थानों की कमी पर प्रश्न पूछे।
  • उन्होंने पीड़ितों से वसूली गई राशि, फ़्रीज किए गए खातों की संख्या और सभी साइबर-ठगी से संबंधित कार्यवाही का विवरण मांगा।

2. गृह मंत्री विजय शर्मा का जवाब

  • मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि:
    • छत्तीसगढ़ में ₹168 करोड़ की साइबर ठगी दर्ज की गई, जिसमें से ₹5.2 करोड़ की वसूली हुई।
    • 12 डिजिटल arrest केस सामने आए।
    • फिलहाल 1,795 संदिग्ध बैंक खाते चिन्हित हैं, जिनमें से 921 में सक्रिय लेन-देन हुए।
    • कुल 722 आरोपियों में से 347 की गिरफ्तारी हो चुकी है।
    • राज्य में 33 जिले–33 साइबर सेल, प्रत्येक रेंज में साइबर थाना, और एक विशेष Cyber Building बनाकर समर्पित उपकरण (forensic tools) स्थापित किए गए।
    • कुल 69 कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, और 6 अधिकारी को विशेष प्रशिक्षण लिए जाने की प्रक्रिया में बताया।
    • उन्होंने बताया कि पहले इस्तेमाल वाला खाता फ्रीज़ किया जाता है जबकि अन्य लिंक खाते ‘होल्ड’ पर रखे जाते हैं।

3. सदन में राजनीतिक दबाव

  • सत्ता पक्ष के विधायक (जैसे अजय चंद्राकर) ने गृह मंत्री से:
    • कठोर कार्रवाई न किए जाने पर नाराज़गी जताई,
    • वित्तीय छल के रोकथाम और जागरूकता अभियानों की कमी पर प्रश्न उठाए,
    • ग्रामीण इलाकों में डिजिटल जागरूकता और साइबर सुरक्षा के लिए सरकार से मजबूत नीतियाँ अपनाने की मांग की।

📊 स्थिति का विश्लेषण

मुद्दाविवरण
साइबर अपराध का कुल मापदंड₹168 करोड़ की ठगी, ₹5.2 करोड़ की वसूली
कांड संख्या12 डिजिटल arrest मामलों में, 722 आरोपी, 347 गिरफ़्तार
साइबर तंत्र33 जिलों में साइबर सेल, प्रत्येक रेंज में थाना, एक Cyber Building
प्रशिक्षण व सुविधा69 कर्मियों को प्रशिक्षण, 6 विशेष प्रशिक्षु
बैंक खाते1,795 चिन्हित, 921 में गतिविधि; एक को फ्रीज़, अन्य को होल्ड

⚙️ आगे की चुनौतियाँ व सिफारिशें

  • प्रभावी विजिलेंस: केवल शिकायत दर्ज करना ही पर्याप्त नहीं है—ऑनलाइन ठगी की रोकथाम और फ्रीज प्रक्रिया को तेज़ करना जरूरी।
  • ग्रामीण जागरूकता: जहां डिजिटल लेन-देन बढ़ रहा है, वहीं जागरूकता अभाव खामियों को जन्म देता है।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर सुदृढ़ीकरण: साइबर भवन का निर्माण हो चुका है, लेकिन सभी जिलों में समान क्षमता सुनिश्चित करनी होगी।
  • प्रशिक्षण जारी रखना: केंद्रीय केंद्रों के साथ नियमित प्रशिक्षण व उन्नत नौकरियों (cyber commandos) की संख्या बढ़ानी होगी।

🧭 निष्कर्ष

धान व्यक्त है—सरकार ने साइबर अपराध के खिलाफ ठोस तकनीकी व संरचनात्मक उपाय किए हैं।
फिर भी सदन में विधायकों द्वारा उठाया गया सवाल यह दर्शाता है कि नीति और अनुवर्ती कार्रवाई के बीच अंतर अभी मौजूद है।
सरकार को चाहिए कि:

  • बैंक खाते पूरी तरह फ्रीज़ हों,
  • ग्रामीणों की डिजिटल साक्षरता बढ़े,
  • प्रशिक्षण कार्यक्रम निरंतर हों,
  • और अपराधी अविलंब दंडित हों

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