छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में माओवादी संगठन द्वारा स्वीकार की गई जानकारी और “शहीद सप्ताह” पर व्यापक विवरण…

- माओवादी संगठन (CPI-माओवादी) ने आधिकारिक बयान जारी कर को स्वीकार किया है कि पिछले एक वर्ष में 357 अपने सदस्यों की मौत हुई—जिसमें 136 महिलाएँ भी शामिल हैं
- इनमें से 281 मौतें दंडकारण्य क्षेत्र, यानी छत्तीसगढ़-ओडिशा-महाराष्ट्र के जंगलों में हुईं ।

⚔️ मौतों का कारण
माओवादी संगठन की दावे अनुसार:
- 80 मौतें “फेक एनकाउंटर” यानी कथित पुलिस मुठभेड़ों में हुईं, जिन्हें संगठन ने गैरकानूनी बताया ।
- बाकी 269 मौतें सघन घेराबंदी और लड़ाई में हुईं जिसमें संगठन ने “encirclement attacks” शब्द का प्रयोग किया ।
🕊️ प्रमुख हानि (नेतृत्व स्तर पर)
घटित मौतों में उपस्थिति मुख्य नेताओं की:
- केंद्रीय कमिटी के 4 सदस्य,
- राज्य स्तरीय कमिटी के 15 सदस्य शामिल हैं ।
🪦 “शहीद सप्ताह” की घोषणा
माओवादी संगठन ने 28 जुलाई से 3 अगस्त तक “शहीद सप्ताह” (Martyrs’ Week) मनाने की घोषणा की है।
इस दौरान:
- गाथा व नारे लगाए जाएँगे,
- साहित्य और पोस्टर वितरित होंगे,
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा,
- युवाओं को संगठन में शामिल करने की अपील होगी।
🌐 बाहरी परिप्रेक्ष्य
- सरकार की कार्रवाई में लगभग 3,000 माओवादी बंदी-प्रत्यक्ष और आत्मसमर्पित हुए, जिसे उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने संगठन के लिए “गंभीर झटका” बताया।
- पुलिस और सुरक्षा बल लगभग दो दशकों में सबसे कमजोर स्थिति में हैं—घुसपैठों में कमी और कई सरकारी ऑपरेशनों की वजह से संगठन का नेतृत्व और कमज़ोर हुआ है ।
🗺️ एक सामान्य परिदृश्य:
प्रकृति | विवरण |
---|---|
कुल खोयें माओवादी | 357 (136 महिलाएँ, 4 केंद्रीय, 15 राज्य नेता) |
मुख्य हानि क्षेत्र | दंडकारण्य जंगल (281) |
फेक एनकाउंटर | 80 मौतें दावा |
शहीद सप्ताह | 28 जुलाई‑3 अगस्त |
सरकारी प्रतिक्रिया | सैंकड़ों आत्मसमर्पण, संगठन में कमजोरी |
🔍 निष्कर्ष और प्रभाव
- यह माओवादी हिंसा और स्वतंत्रता आंदोलन का संकेत है, बावजूद सरकार द्वारा सख्त दबाव और ऑपरेशनों के।
- बढ़ते आत्मसमर्पण से संगठन का जनाधार धीमा हुआ दिखाई देता है।
- “शहीद सप्ताह” घोषणाओं से संगठन अपने सदस्यों का मनोबल ऊँचा रखने की कोशिश कर रहा है।