छत्तीसगढ़

अंबिकापुर की रहने वाली अमनजीत कौर सिद्धू ने विश्व अंगदान दिवस के अवसर पर अंगदान का संकल्प लेकर एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है।

अंबिकापुर की रहने वाली अमनजीत कौर सिद्धू ने विश्व अंगदान दिवस (13 अगस्त) के अवसर पर अंगदान का संकल्प लेकर एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है।


घटना का सार

  • स्थान: अंबिकापुर, छत्तीसगढ़
  • व्यक्ति: अमनजीत कौर सिद्धू
  • प्रेरणा: पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और समाजसेवी आदि बाबा के विचार और कार्य
  • अवसर: विश्व अंगदान दिवस (World Organ Donation Day)
  • कार्य: अंगदान के लिए आधिकारिक संकल्प पत्र भरा.

अमनजीत का संदेश

  • अंगदान को उन्होंने “जीवन का सबसे बड़ा दान” बताया।
  • उनका कहना है कि मृत्यु के बाद जब शरीर मिट्टी में मिल जाता है, तब भी हमारे अंग किसी और की जिंदगी बचा सकते हैं
  • यह कदम केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि कई लोगों की जिंदगी में नई रोशनी ला सकता है

अंगदान का प्रभाव (अमनजीत द्वारा दिए गए उदाहरण)

  • एक मृत व्यक्ति से दान किए जा सकते हैं:
    • फेफड़े
    • गुर्दे
    • यकृत (लिवर)
    • अग्नाशय (पैंक्रियास)
    • आंखें (कॉर्निया)
  • एक व्यक्ति के अंग कई मरीजों को नया जीवन दे सकते हैं — यह मल्टी-लाइफ सेविंग एक्ट है।

सामाजिक महत्व

  • अंगदान के प्रति जागरूकता फैलाना जरूरी है, क्योंकि भारत में कई मरीज अंगों की कमी के कारण समय पर इलाज नहीं पा पाते।
  • ऐसे संकल्प समाज में जागरूकता और प्रेरणा देते हैं, जिससे अधिक लोग आगे आकर स्वेच्छा से अंगदान कर सकें।
  • अमनजीत का यह कदम दिखाता है कि स्थानीय प्रेरणा स्रोत (जैसे टीएस सिंहदेव) भी बड़ी सामाजिक लहर पैदा कर सकते हैं।

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