मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में महिला बाल विकास विभाग की समीक्षा की

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने बेटियों की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लाड़ली लक्ष्मी योजना की लाभार्थी बालिकाओं के ड्रॉपआउट पर गहन समीक्षा की और अधिकारियों से विस्तृत जानकारी मांगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि ड्रॉपआउट पर कड़ी निगरानी रखी जाए और इसे पूरी तरह रोका जाए।

उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ऑनलाइन एवं पूर्णत: पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया लागू करने में मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन चुका है। साथ ही टेक-होम राशन की FRS प्रक्रिया के माध्यम से लाभ पहुँचाने में भी मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री ने उपलब्धियाँ गिनाईं
- स्पॉन्सरशिप योजना में 20,243 बच्चों को लाभ — देश में दूसरा स्थान
- झाबुआ के ‘मोटी आई’ नवाचार को मिला प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार
- PM JANMAN भवनों की डिज़ाइन व मॉनिटरिंग मॉड्यूल की केंद्र सरकार ने की प्रशंसा
- 20 मीटर जियो-फेंसिंग आधारित उपस्थिति प्रणाली से पारदर्शिता को नई दिशा
उन्होंने कहा कि भवन निर्माण की रियल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए अत्याधुनिक मॉड्यूल विकसित किया गया है, जो शासन की गंभीरता को दर्शाता है।
📌 भविष्य की 3-वर्षीय बड़ी कार्य-योजना
- सेंट्रल किचन से शहरी आंगनवाड़ियों में गर्म भोजन — 2026 से लागू
- शाला पूर्व शिक्षा में बड़ा निवेश — 2047 विज़न पर केंद्रित
- निपुण भारत आधारित बच्चों के विकास कार्ड से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
- 34 लाख बालिकाओं को छात्रवृत्ति/प्रोत्साहन — लाड़ली लक्ष्मी का विस्तार
- 9,000 नए आंगनवाड़ी भवन — अगले तीन वर्षों में निर्माण लक्ष्य
- HEW के माध्यम से 1.47 लाख जागरूकता गतिविधियाँ — जेंडर, सुरक्षा, कानूनी मदद पर प्रभाव
वृहद उपलब्धियाँ
- PMMVY: 9.70 लाख गर्भवती महिलाओं को ₹512 करोड़ से अधिक की सहायता
- लाड़ली बहना योजना: जनवरी 2024–नवंबर 2025 में ₹36,778 करोड़ का अंतरण
- महिला हेल्पलाइन: 1.72 लाख महिलाओं को त्वरित सहायता
- वन स्टॉप सेंटर: 52,095 महिलाओं की सुरक्षा व मदद
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ:
- 1.89 लाख पौधारोपण
- 6,520 ड्राइविंग लाइसेंस
- 8,637 बालिकाओं को प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण
- 12,670 सक्षम आंगनवाड़ी केंद्र घोषित


