छत्तीसगढ़
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज (20 नवंबर 2025) छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में “जनजातीय गौरव दिवस” कार्यक्रम में…

कार्यक्रम का विवरण और रूपरेखा….
- समय और आगमन
- राष्ट्रपति मुर्मू सुबह 11:20 बजे ओडिशा के झारसुगुड़ा से सेना के हेलीकॉप्टर द्वारा अंबिकापुर पहुंचेंगी।
- हेलीपैड गांधी स्टेडियम में है, वहां उतरने के बाद सड़क मार्ग से लगभग 1.3 किमी की दूरी तय कर वे पीजी कॉलेज मैदान पहुंचेंगी, जहां मुख्य कार्यक्रम है।
- उनका अंबिकापुर में लगभग एक घंटे का प्रवास रहेगा।
- दोपहर में, वे हेलीपैड से वापस हेलीकॉप्टर के ज़रिए झारसुगुड़ा के लिए रवाना होंगी।
- मुख्य कार्यक्रम स्थल
- पीजी कॉलेज मैदान, अंबिकापुर — जनजातीय गौरव दिवस का भव्य आयोजन यहीं होगा।
- कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका करेंगे।
- अन्य विशिष्ट अतिथि: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय मंत्री (जनजातीय कार्य) जुएल ओराम, राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके, और अन्य मंत्री एवं जनप्रतिनिधि होंगे।

- उद्घाटन और सम्मान
- राष्ट्रपति मुर्मू मुख्यमंत्री जनजातीय ग्राम अखरा विकास योजना (CM Tribal Gram Akhara Vikas Yojana) का शुभारंभ करेंगी।
- इस अवसर पर जनजातीय प्रमुखों, जनजातीय विद्रोहों के नायकों, और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवारों का सम्मान किया जाएगा।
- कार्यक्रम में जनजातीय विकास प्रदर्शनी और क्राफ्ट मेला भी आयोजित किया जाएगा, जिससे जनजातीय कलाओं, संस्कृति और शिल्प को सामने लाया जा सके।
- सुरक्षा और तैयार
- सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया है: लगभग 2000 से अधिक पुलिस जवान तैनात किए गए हैं।
- राष्ट्रपति के काफिले के मार्गों पर बैरिकेडिंग, भीड़ प्रबंधन, ट्रैफिक डायवर्सन आदि की तैयारी पहले से की गई
- प्रशासन ने जनजातीय परंपराओं, नृत्य, लोक कला प्रस्तुतियों और सांस्कृतिक झलक को प्रमुखता देने के निर्देश दिए हैं, ताकि आयोजन “गौरव-जनजातीयता” की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शा सके।
- पूर्व कार्यक्रम
- 19 नवंबर को पहले दिन एक संगोष्ठी (सेमिनार) आयोजित की गई थी, जिसमें “स्वतंत्रता संग्राम में जनजातियों का योगदान” जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
- साथ ही लोक नृत्य महोत्सव, शहीद वीर नारायण सिंह लोककला नृत्य प्रतियोगिता और क्षेत्रीय जनजातीय विकास प्रदर्शनी का आयोजन है।
महत्व और संभावित निहितार्थ
- संस्कृति और पहचान का उत्सव: यह आयोजन जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, जो जनजातीय समुदायों की संस्कृति, इतिहास और नायकों को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है।
- राजनीतिक एवं विकासात्मक संकेत: राष्ट्रपति का आगमन और नए विकास-योजनाओं (जैसे ग्राम अखरा विकास योजना) का उद्घाटन यह संकेत देता है कि राज्य और केंद्र जनजातीय विकास को गंभीरता से ले रहे हैं।
- समावेशन और मान्यता: विद्रोह-नायकों और स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को सम्मानित करने से उन जनजातीय पावलियों को मान्यता मिलती है जिन्होंने सामाजिक-राजनीतिक संघर्षों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- प्रदर्शनी और मेलों के ज़रिए जागरूकता: विकास प्रदर्शनी और क्राफ्ट मेला जनजातीय कलाओं, हुनर और परंपराओं को व्यापक दर्शकों तक पहुँचाने का माध्यम बनता है, जिससे ग्रामीण और आदिवासी कलाकारों को रोज़गार और मान्यता मिल सकती है।
- सुरक्षा और प्रशासनिक उच्च स्तर की भागीदारी: विशाल सुरक्षा व्यवस्था और उच्च-स्तरीय अतिथियों की उपस्थिति इस कार्यक्रम के राष्ट्रीय महत्व को दर्शाती है।



