छत्तीसगढ़

बीजापुर ज़िले के ओनताड़ी पहाड़ी में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़,कई माओवादी मारे गए।…

बीजापुर ज़िले के नक्सल प्रभावित इलाक़े ओनताड़ी पहाड़ी (नेशनल पार्क क्षेत्र) में बुधवार को सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। यह क्षेत्र घने जंगलों और ऊँची-नीची पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो नक्सलियों का पारंपरिक ठिकाना माना जाता है।


⚔️ मुठभेड़ की पूरी जानकारी

  • मुठभेड़ बुधवार सुबह शुरू हुई, जब सीआरपीएफ, जिला पुलिस बल और कोबरा बटालियन की संयुक्त टीम सर्च ऑपरेशन पर निकली थी।
  • यह ऑपरेशन ओनताड़ी पहाड़ी (बीजापुर नेशनल पार्क के अंदर) के जंगलों में चलाया गया।
  • इसी दौरान माओवादियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई हुई।
  • मुठभेड़ कई घंटों तक चली, और इसमें कई माओवादी मारे गए

🩸 शवों को जवानों ने कंधे पर लादकर निकाला

  • मुठभेड़ स्थल घने जंगल और दुर्गम पहाड़ी इलाके में था, जहाँ वाहन या एंबुलेंस से पहुंचना संभव नहीं था।
  • इसलिए सुरक्षाबलों ने मारे गए माओवादियों के शवों को कंधे पर उठाकर कई किलोमीटर तक पैदल चलकर बीजापुर जिला मुख्यालय तक लाया।
  • यह दृश्य वीडियो में कैद हुआ है, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल है — इसमें जवान पूरी ईमानदारी और साहस के साथ शवों को ढोते दिखाई दे रहे हैं।

🏢 पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस

  • पूरे ऑपरेशन से जुड़ी विस्तृत जानकारी आज दोपहर 1 बजे बीजापुर एसपी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी जाएगी।
  • पुलिस यह बताएगी कि—
    • कितने नक्सली मारे गए,
    • किन इलाकों में सर्च ऑपरेशन अभी जारी है,
    • और किन हथियारों या सामग्रियों को बरामद किया गया है।

🚨 प्रारंभिक इनपुट्स के अनुसार

  • मारे गए नक्सलियों में स्थानीय एरिया कमांडर और कुछ महिला माओवादी भी शामिल हो सकते हैं।
  • घटनास्थल से बड़े पैमाने पर हथियार, गोलाबारूद और विस्फोटक सामग्री बरामद हुई है।
  • पुलिस और सुरक्षा एजेंसियाँ अब यह जांच रही हैं कि यह दस्ते का किस क्षेत्रीय संगठन (जैसे पश्चिम बस्तर डिवीजन) से संबंध था।

💬 स्थिति का महत्व

यह मुठभेड़ इसलिए भी अहम है क्योंकि —

  • बीजापुर का यह इलाका नक्सलियों के कोर ज़ोन (core area) में गिना जाता है।
  • हाल के महीनों में सुरक्षाबलों ने लगातार कई सफल ऑपरेशन किए हैं, जिससे माओवादियों का नेटवर्क कमजोर हो रहा है।
  • ओनताड़ी पहाड़ी ऑपरेशन इस श्रृंखला की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक मानी जा रही है।

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