करमा परब हमारी संस्कृति और पूर्वजों की अमूल्य धरोहर — मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज शाम राजधानी रायपुर स्थित अखिल भारतीय वनवासी आश्रम परिसर पहुँचे, जहाँ उन्होंने उरांव (सरना) आदिवासी विकास संघ रायपुर द्वारा आयोजित करमा पूजा परब 2025 महोत्सव में सहभागिता की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ भगवान करमा राजा की विधिवत पूजा-अर्चना की और प्रदेश की समृद्धि, सुख और खुशहाली की कामना की। उन्होंने भारत माता के तैलचित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया।
🎙️ मुख्यमंत्री का संबोधन:
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने उद्बोधन में कहा —
“करमा परब हमारी संस्कृति और हमारे पूर्वजों की अमूल्य धरोहर है। इस संस्कृति और परंपरा को जीवंत बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी ही नहीं, बल्कि हमारा नैतिक कर्तव्य भी है। करमा परब हमारे प्रकृति-प्रेम और पर्यावरणीय चेतना का प्रतीक है।”
उन्होंने सभी को करमा परब की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि आदिवासी संस्कृति भारत की आत्मा का जीवंत स्वरूप है, जिसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना आवश्यक है।
🌿 कार्यक्रम की झलकियाँ:
मुख्यमंत्री ने करमा नृत्य और पारंपरिक गीतों का आनंद लिया।
आयोजन स्थल पर जनजातीय परंपरा की झलक से सजा पूरा परिसर।
बड़ी संख्या में उरांव (सरना) समाज के सदस्य, वनवासी कल्याण आश्रम के पदाधिकारी और आमजन उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज के विकास और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
🏛️ विशेष उपस्थिति:
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री रामविचार नेताम,
अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के पदाधिकारी,
और उरांव (सरना) आदिवासी विकास संघ से जुड़े परिवार व सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद रहे