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दिल्ली के प्रशासनिक ढांचे में बड़े बदलाव 11 जिलों से बढ़कर 13 जिलों की योजना…

दिल्ली में 11 जिलों से बढ़कर 13 जिलों की योजना

परिवर्तन का उद्देश्य.

  • प्रशासनिक सुधार और विभागों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करना।
  • जनता की शिकायतों का तेज़ निवारण
  • जिला प्रशासन की सुविधा और जवाबदेही बढ़ाना।

छोटे जिलों के फायदे

  1. तेज़ कामकाज: छोटे जिलों में कामकाज की गति बढ़ेगी और निर्णय जल्दी होंगे।
  2. बेहतर निगरानी: स्वास्थ्य, शिक्षा, जल, सड़क जैसी सेवाओं पर प्रशासनिक निगरानी आसान होगी।
  3. जवाबदेही: हर जिले में अधिकारी सीधे जनता के संपर्क में होंगे।
  4. विभागों का समन्वय: विभागों के बीच सीमाओं और जिम्मेदारियों को लेकर विवाद कम होंगे।

DM को अधिक शक्तियाँ

  • नए ढांचे में जिलाधिकारियों (DMs) को अन्य राज्यों के DM के समान शक्तियाँ दी जाएंगी।
  • जिला कार्यालय में दिल्ली जल बोर्ड, PWD, समाज कल्याण विभाग और अन्य विभागों के नोडल अधिकारी मौजूद रहेंगे।
  • जनता को अलग-अलग विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

जिलों और नामों में संभावित बदलाव

  • दिल्ली में मौजूदा 12 MCD जोन को नए जिलों में बदला जाएगा।
  • संभावित बदलाव:
    • शाहदरा जिला समाप्त हो सकता है।
    • दक्षिण और दक्षिण-पूर्व जिले नए स्वरूप में आएंगे।
    • बाहरी दिल्ली और उत्तर-पश्चिम जिलों के नाम और सीमाओं में भी बदलाव संभव।

जनता को मिलने वाले लाभ

  • प्रशासन तक पहुंच आसान होगी।
  • शिकायतों का समाधान तेज होगा।
  • छोटे जिलों में सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क जैसी सेवाओं पर निगरानी बेहतर होगी।

आगे की प्रक्रिया

  1. दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
  2. कैबिनेट की मंजूरी और उपराज्यपाल की सहमति के बाद इसे अधिसूचित किया जाएगा।
  3. इसके बाद दो नए जिलों का औपचारिक गठन लागू होगा।

वर्तमान 11 जिले

  1. नई दिल्ली
  2. मध्य दिल्ली
  3. पश्चिम दिल्ली
  4. पूर्वी दिल्ली
  5. उत्तर दिल्ली
  6. दक्षिण दिल्ली
  7. उत्तर-पश्चिम दिल्ली
  8. उत्तर-पूर्वी दिल्ली
  9. दक्षिण-पश्चिम दिल्ली
  10. दक्षिण-पूर्वी दिल्ली
  11. शाहदरा

निष्कर्ष

  • यह कदम प्रशासनिक सुधार और जनता की सुविधा दोनों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
  • छोटे जिलों और बढ़ी हुई शक्तियों के कारण कामकाज की गति, जवाबदेही और निगरानी में सुधार होगा।
  • यह बदलाव दिल्ली में जनता को सीधे प्रशासन तक पहुँचाने और विभागों के बीच समन्वय बेहतर बनाने का प्रयास है।

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