छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ विधान सभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन, राजस्व और कृषि मंत्री द्वारा एक अहम संशोधन विधेयक पेश किया गया।

आज पेश किए गए महत्वपूर्ण संशोधन विधेयक

  1. छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक, 2025 (क्र. 16)
    • मंत्री रामविचार नेताम ने इसे पेश किया।
    • इस संशोधन के तहत मंडी व्यवस्था को आधुनिक बनाने, डीम्ड‑मंडी को शामिल करने और अधिक समावेशी बनाने की व्यवस्था प्रस्तावित है—जैसा कि पारित रिपोर्ट में ध्वनित हुआ
  2. छत्तीसगढ़ भू‑राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक, 2025 (क्र. 18)
    • मंत्री टंकराम वर्मा द्वारा प्रस्तुत।
    • इसका उद्देश्य भूमि के नक्शा बंटवारे, रिकॉर्ड्स की डिजिटल व्यवस्था, अवैध प्लॉटिंग रोकने, नामांतरण प्रक्रिया को सरल बनाने हेतु सुधार करना है
  3. छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक, 2025 (क्र. 15)
    • मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे सदन में पेश किया, जिसमें निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना एवं संचालन से जुड़े नियमों में संशोधन प्रस्तावित हैं
  4. छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति निपटान (संशोधन) विधेयक, 2025 (क्र. 19)
    • वाणिज्यिक कर मंत्री ओपी चौधरी ने इसे पेश किया।
    • इसका उद्देश्य लंबित कर, ब्याज एवं जुर्माना मामलों के निपटान के नियमों को सरल एवं कारगर बनाना है

🏛️ मौजूदा सत्र का परिप्रेक्ष्य

  • यह कार्यवाही मॉन्सून सत्र की तैयारी के तहत हो रही है, जिसे 14 जुलाई से शुरू किया गया था
  • सरकार कुल 13 बड़े विधेयक लाने की योजना बना रही है, जिसमें पेंशन फंड, SCR (संभवत: स्पेशल कैडर रेवेन्यू), शिक्षा, स्थानीय शासन से संबंधित विधायें शामिल हैं

📝 निरीक्षण और हाइलाइट

  • कृषिमंत्री रामविचार नेताम ने मंडी संशोधन विधेयक पेश करते हुए किसानों के हितों पर बल दिया।
  • राजस्व/आपदा प्रबंधन मंत्री ने भूमि रिकॉर्ड और भू‑राजस्व संहिता में सुधार की बात रखी।
  • वाणिज्यिक कर मंत्री ने लंबित कर मामलों के निपटान प्रक्रिया को आसान बनाने की दिशा में कदम उठाया।
  • निजी विश्वविद्यालय विधेयक से उच्च शिक्षा क्षेत्र में भी बदलाव की उम्मीद जताई गई।

🚦आगे चलकर क्या होगा?

  • सभी प्रस्तुत विधेयकों पर खंडशः विचार शुरू होगा।
  • विभागीय विशेषज्ञ, विधायक, और विपक्ष के विचार सुनने के बाद वोटिंग/पारितिकरण की प्रक्रिया होगी।
  • इसके बाद विधेयक राज्यपाल के पास पहुंचेगा और मंजूरी मिलने पर कानून के रूप में लागू हो सकेगा

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