देश में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम लागू हो गया
राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रतिदिन 20 किलोमीटर की दूरी तक जीएनएसएस से लैस निजी वाहनों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. 20 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने पर टोल लिया जाएगा.
इसका लाभ केवल उन्हीं वाहनों को मिलेगा, जो जीएनएसएस से लैस हैं. अभी इनकी संख्या कम है, इसलिए यह सिस्टम फिलहाल हाइब्रिड मोड पर काम करेगा. यानी, कैश, फास्टैग और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट पहचान के जरिए टोल कलेक्शन जारी रहेगा. मैसूर और पानीपत हाईवे पर naga788 ट्रायल रन जीएनएसएस के जरिए टोल कलेक्शन के लिए बेंगलुरु-मैसूर हाईवे (एनएच-275) और पानीपत-हिसार (एनएच-709) पर ट्रायल रन किया गया.
इसके अलावा, अभी देश में कहीं भी जीएनएसएस के लिए कोई डेडिकेटेड लेन नहीं है. वाहनों को जीएनएसएस से लैस बनाने के लिए ऑन-बोर्ड यूनिट (ओबीयू) या ट्रैकिंग डिवाइस लगाना होगा.
जीएनएसएस लागू होने के बाद जैसे ही वाहन हाईवे पर पहुंचेगा, उसका प्रवेश बिंदु टोल गेट होगा. हाईवे को छूते ही मीटर चालू हो जाएगा. स्थानीय लोगों को टोल गेट से 20 किलोमीटर तक जाने की अनुमति है. 21वें किलोमीटर से टोल की गिनती शुरू हो जाएगी.