छत्तीसगढ़

“दीदी के गोठ” वास्तव में छत्तीसगढ़ सरकार की एक नई पहल है,

दीदी के गोठ” वास्तव में छत्तीसगढ़ सरकार की एक नई पहल है, जिसका मकसद ग्रामीण महिलाओं को जोड़ना और सशक्त बनाना है। आइए इसे विस्तार से समझें—


🎙️ ‘दीदी के गोठ’ रेडियो कार्यक्रम क्या है?

  • यह छत्तीसगढ़ शासन का एक विशेष रेडियो कार्यक्रम है।
  • शुभारंभ: 31 अगस्त 2025 को दोपहर 12:15 बजे
  • स्थान: आकाशवाणी रायपुर केंद्र से और साथ ही प्रदेश के सभी आकाशवाणी केंद्रों से इसका प्रसारण होगा।
  • ऑनलाइन उपलब्धता: इसकी लाइव स्ट्रीमिंग भी डिजिटल/ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर की जाएगी ताकि गाँव से लेकर शहर तक लोग इसे आसानी से सुन सकें।

🌾 पहल किसके अंतर्गत है?

  • यह कार्यक्रम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत शुरू किया गया है।
  • मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली सुशासन की सरकार ने इसे लॉन्च किया है।

🎯 कार्यक्रम का उद्देश्य

  1. ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण:
    • आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक रूप से मज़बूत करना।
    • आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित करना।
  2. जागरूकता फैलाना:
    • सरकारी योजनाओं की जानकारी देना।
    • स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, स्वच्छता जैसे मुद्दों पर मार्गदर्शन करना।
  3. प्रेरणा देना:
    • सफल स्व-सहायता समूहों (SHG) की कहानियाँ साझा करना।
    • महिलाओं को उद्यमिता और आत्मनिर्भरता के उदाहरणों से जोड़ना।
  4. जनसंपर्क का नया माध्यम:
    • जिस तरह प्रधानमंत्री का “मन की बात” जनता से संवाद का जरिया है, उसी तरह यह कार्यक्रम महिलाओं और ग्रामीण समाज के साथ सीधा संवाद स्थापित करेगा।

📌 विशेषताएँ

  • सामूहिक सुनवाई: गाँव-गाँव में महिला समूह इसे सामूहिक रूप से सुनेंगे।
  • स्थानीय भाषा और सरल शैली: ताकि संदेश हर महिला तक आसानी से पहुँचे।
  • इंटरएक्टिव स्वरूप: इसमें श्रोताओं की प्रतिक्रिया, सवाल-जवाब और प्रेरक उदाहरण शामिल होंगे।

🌟 महत्व क्यों है?

  • छत्तीसगढ़ में स्व-सहायता समूहों (Self Help Groups – SHGs) की बड़ी भूमिका है।
  • “दीदी के गोठ” इन समूहों को सीधा जोड़ने का माध्यम बनेगा।
  • इससे ग्रामीण महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा और उन्हें राज्य की योजनाओं से लाभ उठाने का मार्ग स्पष्ट होगा।

👉 कुल मिलाकर, “दीदी के गोठ” सिर्फ एक रेडियो शो नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ सरकार की ‘महिला केंद्रित विकास नीति’ का हिस्सा है, जिससे गाँव की महिलाएँ जानकारी, प्रेरणा और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेंगी।

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