उत्तर प्रदेश
योगी सरकार का यह क्रांतिकारी कदम (छात्रवृत्ति वितरण पहले करना) क्यों ऐतिहासिक माना जा रहा है और इससे छात्रों को क्या फायदे होंगे।

📌 पहले क्या व्यवस्था थी?
- अब तक यूपी में छात्रवृत्ति फरवरी-मार्च में दी जाती थी।
- इसका मतलब था कि छात्र-छात्राओं को पूरे शैक्षणिक सत्र में अपनी पढ़ाई का खर्च पहले खुद उठाना पड़ता था और बाद में सरकार से सहायता मिलती थी।
- इस देरी की वजह से कई छात्रों को पढ़ाई के दौरान पैसों की तंगी झेलनी पड़ती थी।

📌 नया बदलाव क्या है?
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तय किया कि छात्रवृत्ति अब सितंबर (नवरात्र) में ही दी जाएगी।
- यानी छात्रों को सत्र की शुरुआत में ही आर्थिक मदद मिल जाएगी।
- इससे वे अपनी पढ़ाई, फीस, किताबें, हॉस्टल/रहने की व्यवस्था आदि में बिना रुकावट खर्च कर पाएंगे।
📌 इस बार की खास बातें
- तारीख: 26 सितंबर 2025
- स्थान: इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, जूपिटर हॉल, लखनऊ
- सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में 4 लाख से अधिक छात्रों को सीधे छात्रवृत्ति दी जाएगी।
- इस साल का लक्ष्य: 70 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं तक छात्रवृत्ति पहुंचाना।
- 2024 में लगभग 59 लाख छात्रों को इसका लाभ मिला था।
- यह सुविधा पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को प्राथमिकता से दी जाएगी।
📌 सरकार की सोच और संदेश
- मंत्री नरेन्द्र कश्यप (राज्यमंत्री – पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण) ने कहा:
- छात्रवृत्ति केवल आर्थिक मदद नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर बनने और सपने पूरे करने का साधन है।
- इसे “दीपावली गिफ्ट” जैसा तोहफ़ा कहा जा रहा है, क्योंकि नवरात्र के समय छात्रों के हाथों में पैसे पहुंचेंगे।
- सरकार का लक्ष्य है कि किसी भी प्रतिभाशाली छात्र की पढ़ाई केवल पैसों की कमी की वजह से न रुके।
📌 फायदे छात्रों को
- समय पर मदद: अब छात्रों को सत्र शुरू होते ही खर्च के लिए पैसा मिलेगा।
- मानसिक तनाव कम होगा: फीस और अन्य खर्च की चिंता नहीं रहेगी।
- पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित: आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई बीच में छोड़ने का खतरा कम होगा।
- आत्मनिर्भरता: छात्र खुद अपनी जरूरतें पूरी कर पाएंगे।
- ग्रामीण और गरीब परिवारों के लिए बड़ी राहत: जिन परिवारों की आय सीमित है, उनके बच्चों को सीधे फायदा।
📌 निष्कर्ष
योगी सरकार का यह फैसला सिर्फ एक स्कीम नहीं बल्कि शिक्षा सुधार की दिशा में बड़ा कदम है।
- अब यूपी के लाखों छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के दौरान समय से आर्थिक मदद मिलेगी।
- यह न सिर्फ विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ाएगा, बल्कि प्रदेश में उच्च शिक्षा और रोजगार की संभावनाओं को भी मजबूत करेगा।