
- लगातार देर रात से हुई तेज बारिश (लगभग 100 से 103 मिमी बारिश 33 घंटों में) ने VIP रोड के ड्रेनेज सिस्टम को पूरी तरह बाधित कर दिया। जल निकासी पूरी तरह विफल रही।
- वीडियो में दिख रहा है कि रोड पर पानी घुटनों की ऊँचाई तक जमा हो गया—वाहन धीमी गति से आगे बढ़ते, पैदल यात्री पार कर रहे और रास्ता लगभग तालाब जैसा बन चुका था।
📍 कारण क्या थे?
- शहर में जल निकासी प्रणाली (drainage) पुराने डिज़ाइन और अवरुद्ध गटर के कारण पर्याप्त पानी नहीं रोक पा रहे थे।
- मेट्रो निर्माण, खराब नालियाँ और अव्यवस्था जैसे मुद्दों ने ड्रेनेज सिस्टम को और भी कमजोर कर दिया था।
🚦 यातायात और नागरिकों पर प्रभाव
- VIP रोड से होकर गुजरने वाले मुख्य मार्गों पर जाम लगा रहा, यात्री पैदल ही निकल रहे थे।
- प्रमुख चौराहों जैसे Jaistambh Chowk पर ट्रैफिक ठप रहा। वाहन जलमग्न हो गये थे और लोगों को पार करने में दिक्कत हो रही थी।
- पानी कुछ घरों में भी घुसा, जिससे घरों के नीचे तल की जगहों तक प्रभावित हुईं।
🏗️ स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
- Raipur Nagar Nigam और PWD ने बताया कि शहर भर में पानी भरने का कारण ड्रेन पिट्स में मलबा और अवरुद्ध नालियाँ थीं।
- फिलहाल तात्कालिक उपाय के रूप में अतिरिक्त पम्पिंग और वैक्यूम मशीनों का उपयोग किया गया, ताकि पानी निकाला जा सके और हालात कुछ काबू में आएं।
🧩 निष्कर्ष: VIP रोड कैसे उपेक्षित हुई?
- राजधानी की प्रतिष्ठित रोड पर जलभराव ने दर्शाया कि योजना, निर्माण और रखरखाव में गंभीर कमी है।
- यह घटना साफ़ बताती है कि ड्रेनेज नेटवर्क की नियमित सफाई, मेट्रो निर्माण के बाद मरम्मत और निगरानी बेहद जरूरी है, ताकि पड़ोसियों जैसे हालात राजधानी में न बनें।
- वीडियो यह दिखाता है कि सबसे पॉश इलाके में भी जब इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक ना हो, तो हालत कितना बिगड़ सकता है।
✅ सुझाव — भविष्य के लिए
- ड्रेजिंग व गटर की नियमित सफाई और निरीक्षण होनी चाहिए—विशेषकर वॉटर लॉगिंग वाले इलाकों में।
- मेट्रो व निर्माण कार्यों के बाद प्रभावित ड्रेनेज लाइनों का तुरंत बहाल किया जाना आवश्यक है।
- शहर भर में पंपिंग स्टेशन और आपातकालीन ड्रेनेज प्लान तैयार किए जाएं, ताकि अचानक बारिश की स्थिति में त्वरित कार्रवाई संभव हो सके।
- नागरिकों को समय‑समय पर जागरूक किया जाए कि अधिक बारिश के दौरान जलभराव वाला क्षेत्र कैसे रिपोर्ट करें।
📌 संक्षेप में:
रायपुर की VIP रोड, जिसे राजधानी की शान माना जाता है, बारिश के कारण इस बार उसी सड़कों जैसी लग रही थी जो सामान्यतया उपेक्षित मोहल्लों में देखी जाती हैं। इसका मुख्य कारण था ड्रेनेज व्यवस्था की अक्षमता और निर्माण कार्यों के बाद मरम्मत में आलस्य।
