
छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने राहुल गांधी के हालिया आरोपों — वोट चोरी, चुनावी धोखाधड़ी और मतदाता सूची में हेरफेर — को मुद्दा बनाकर अगले एक महीने में बड़ा राजनीतिक अभियान छेड़ने का फैसला किया है।

पृष्ठभूमि
- नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए कि मतदाता सूची में गड़बड़ी कर चुनावी प्रक्रिया से छेड़छाड़ हो रही है।
- इसी को आगे बढ़ाते हुए AICC (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) की बैठक में तय हुआ कि छत्तीसगढ़ में भी इसे लेकर संगठित, चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।
आंदोलन का नाम
“वोट चोर, गद्दी छोड़” अभियान
आंदोलन की रूपरेखा — तीन चरण
1️⃣ पहला चरण — कैंडल मार्च
- तारीख: 14 अगस्त 2025
- समय: शाम 8 बजे
- स्थान: सभी जिला मुख्यालय
- उद्देश्य: मुद्दे पर जनता का ध्यान खींचना और प्रतीकात्मक रूप से “लोकतंत्र की रक्षा” का संदेश देना।
- निर्देश:
- वरिष्ठ नेता, सांसद, विधायक, पूर्व सांसद/पूर्व विधायक, पीसीसी और डीसीसी पदाधिकारी, ब्लॉक/मंडल अध्यक्ष, फ्रंटल संगठनों के नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे।
- DCC (जिला कांग्रेस कमेटी) को आम जनता, छात्र संगठनों, महिला समूहों, युवा संगठनों और सभी समुदायों को शामिल करने की जिम्मेदारी दी गई है।
2️⃣ दूसरा चरण — राज्यस्तरीय रैलियां
- तारीख: 22 अगस्त से 7 सितंबर 2025
- प्रकृति: बड़े पैमाने पर जनसभा और पदयात्रा/रैली
- लक्ष्य: राज्यभर में गांव–शहर तक संदेश पहुँचाना कि कांग्रेस “वोट चोरी” के खिलाफ लड़ रही है।
3️⃣ तीसरा चरण — हस्ताक्षर अभियान
- उद्देश्य: जनसमर्थन का रिकॉर्ड तैयार करना और भाजपा–ईसी के खिलाफ इसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करना।
- रूपरेखा:
- बूथ स्तर तक कार्यकर्ता जनता से संपर्क करेंगे।
- हस्ताक्षरित याचिकाएं पार्टी द्वारा चुनाव आयोग और राष्ट्रपति को भेजी जाएंगी।
राजनीतिक महत्व
- लोकसभा चुनाव 2024 और आगामी विधानसभा चुनावों के पहले, कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार और ईसी पर दबाव बढ़ाना चाहती है।
- “वोट चोरी” जैसे शब्दों के इस्तेमाल से पार्टी इसे जनभावनाओं और लोकतंत्र के हनन से जोड़कर पेश कर रही है।
- यह अभियान न सिर्फ राजनीतिक लामबंदी है, बल्कि ग्राउंड-लेवल कैडर एक्टिवेशन का तरीका भी है, जिससे कार्यकर्ता और समर्थक एकजुट हों।