ऑटोमोबाइल
VinFast की अंतर्राष्ट्रीय पहली प्लांट: तमिलनाडु में EV असेंबली यूनिट

वियतनामी EV निर्माता VinFast ने भारत में अपने पहले ओवर्सीज प्लांट का स्थान चुना है—यह यूनिट तूतीकोरिन, तमिलनाडु में विकसित की जाएगी।
- प्रारंभिक क्षमता 50,000 यूनिट प्रति वर्ष, जिसे बढ़ाकर 1.5 लाख यूनिट तक ले जाने की योजना है।
- यह संयंत्र वर्तमान में CKD (completely knocked down) मॉडल पर काम करेगा, यानी घटकों का आयात करके असेंबली की जाएगी।
- इस कदम से भारत में पहले बड़े पैमाने पर EV उत्पादन की दिशा में एक मजबूत इशारा मिलता है।
वियतनामी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) निर्माता VinFast का तमिलनाडु में संयंत्र लगाना भारत के EV उद्योग के लिए एक बड़ा और रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
यह न केवल भारत के EV उत्पादन इकोसिस्टम को मज़बूत करेगा, बल्कि देश को दक्षिण-पूर्व एशिया और वैश्विक EV सप्लाई चेन में एक अहम खिलाड़ी के रूप में भी स्थापित कर सकता है।

📍 स्थान और रणनीति
- स्थान: तूतीकोरिन, तमिलनाडु
- कारण:
- तमिलनाडु पहले से ही ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट निर्माण का एक प्रमुख हब है।
- समुद्री बंदरगाह की उपलब्धता (तूतीकोरिन पोर्ट) से CKD किट और पार्ट्स का आयात व निर्यात आसान होगा।
- राज्य सरकार की EV नीतियों में प्रोत्साहन (सब्सिडी, टैक्स में छूट)।
⚙ उत्पादन क्षमता
- प्रारंभिक क्षमता: 50,000 यूनिट/वर्ष
- भविष्य में लक्ष्य: 1,50,000 यूनिट/वर्ष तक विस्तार।
- मॉडल: CKD (Completely Knocked Down) — मतलब पार्ट्स का विदेश से आयात कर भारत में असेंबली की जाएगी, बाद में लोकल मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाई जाएगी।
🚗 संभावित प्रभाव
- भारतीय EV मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी
- टाटा, महिंद्रा, MG और BYD जैसे मौजूदा खिलाड़ियों को नई चुनौती मिलेगी।
- विदेशी EV ब्रांड की मौजूदगी से उपभोक्ताओं को और विकल्प मिलेंगे।
- स्थानीय रोजगार और सप्लाई चेन विकास
- मैन्युफैक्चरिंग, असेंबली, कंपोनेंट सप्लायर, लॉजिस्टिक्स में बड़े पैमाने पर रोजगार।
- एक्सपोर्ट हब बनने की संभावना
- भारत से EV का दक्षिण एशिया, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में निर्यात।
- सरकार की EV 2030 विज़न को मजबूती
- 2030 तक भारत में 30% इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य हासिल करने में मदद।