
यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण आयोजन है — क्योंकि इस वर्ष भारत का राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम्” अपने 150 वर्ष पूरे कर रहा है (1875–2025)। इस अवसर पर केंद्र सरकार ने देशभर में भव्य कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है। आइए विस्तार से जानते हैं —
🇮🇳 वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ समारोह – संपूर्ण विवरण
🔹 राष्ट्रीय कार्यक्रम की तिथि और समय
- तारीख: 7 नवम्बर 2025 (शुक्रवार)
- समय: प्रातः 10:00 से 11:00 बजे तक
- प्रसारण: दूरदर्शन और ऑनलाइन पोर्टल्स पर लाइव टेलीकास्ट
- शुभारंभ: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा
🔹 प्रधानमंत्री का संबोधन और सामूहिक गायन
- कार्यक्रम का आरंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन से होगा, जिसमें वे वंदे मातरम् के 150 वर्षों की ऐतिहासिक यात्रा, साहित्यिक योगदान और राष्ट्रभावना में इसकी भूमिका पर प्रकाश डालेंगे।
- उनके संबोधन के पश्चात, पूरे देश में एक साथ सामूहिक रूप से “वंदे मातरम्” का गायन किया जाएगा।
- यह गायन स्कूलों, विश्वविद्यालयों, सरकारी कार्यालयों, राजभवनों और सांस्कृतिक केंद्रों में एक ही समय पर किया जाएगा — जिससे “एक राष्ट्र, एक स्वर” (One Nation, One Voice) की भावना प्रकट हो सके।

🔹 छत्तीसगढ़ में विशेष आयोजन
- छत्तीसगढ़ में यह कार्यक्रम राजभवन, रायपुर स्थित “छत्तीसगढ़ मंडपम” में आयोजित किया जाएगा।
- राज्यपाल श्री रमेन डेका और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
- यहां राज्य स्तरीय सामूहिक वंदे मातरम् गायन के साथ-साथ स्थानीय कलाकारों द्वारा बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के जीवन और रचना पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुति भी दी जाएगी।
🔹 वंदे मातरम् : एक ऐतिहासिक दृष्टि
- लेखक: बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय
- रचना वर्ष: 1875 (पहली बार उपन्यास “आनंदमठ” में प्रकाशित – 1882)
- भाषा: संस्कृत और बांग्ला मिश्रित
- महत्व:
- यह गीत भारत के स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरणास्रोत बना।
- क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों के लिए यह एक “राष्ट्रधर्म का प्रतीक” था।
- 1937 में कांग्रेस अधिवेशन (पंडित नेहरू और सुभाषचंद्र बोस की उपस्थिति में) ने इसे राष्ट्रीय गीत के रूप में मान्यता दी।
🔹 गीत के बोल और धुन
- पूरा गीत और इसकी धुन सरकार द्वारा विशेष रूप से तैयार पोर्टल पर उपलब्ध है:
🔗 https://vandemataram150.in - पोर्टल पर आप पा सकते हैं —
- “वंदे मातरम्” के मूल संस्कृत-बांग्ला शब्द
- अनुवाद (हिंदी और अंग्रेज़ी)
- ऑडियो और वीडियो संस्करण
- राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले आयोजनों की जानकारी
- और भागीदारी के लिए डिजिटल सर्टिफिकेट प्रणाली
🔹 कार्यक्रम के उद्देश्य
- देशभक्ति की भावना को पुनर्जीवित करना।
- राष्ट्रीय एकता, भाषा और संस्कृति की विविधता में एकता को प्रदर्शित करना।
- युवाओं को भारतीय साहित्य और स्वतंत्रता संग्राम के सांस्कृतिक पहलुओं से जोड़ना।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से विश्वभर में भारतीय प्रवासी समुदाय को जोड़ना।
🔹 विशेष आकर्षण
- पूरे देश में 7 नवंबर को 10:30 बजे एक साथ “वंदे मातरम्” गूंजेगा — स्कूलों, सरकारी संस्थानों, रक्षा प्रतिष्ठानों और राजभवनों में।
- दूरदर्शन के अलावा MyGov, YouTube, और प्रधानमंत्री कार्यालय के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी यह कार्यक्रम लाइव स्ट्रीम किया जाएगा।
- पोस्ट-इवेंट के रूप में “Vande Mataram Anthem Challenge” शुरू किया जाएगा, जिसमें लोग अपने समूह गायन वीडियो अपलोड कर सकेंगे।
🔹 छत्तीसगढ़ में संभावित कार्यक्रम संरचना
- दीप प्रज्वलन और स्वागत भाषण
- प्रधानमंत्री का राष्ट्रव्यापी संदेश (लाइव प्रसारण)
- सामूहिक वंदे मातरम् गायन
- राज्यपाल और मुख्यमंत्री का संबोधन
- “आनंदमठ” और वंदे मातरम् पर आधारित लघु नाट्य प्रस्तुति
- सम्मान समारोह (सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों के लिए)
🔸 सारांश
“वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ” सिर्फ एक स्मृति नहीं, बल्कि राष्ट्रप्रेम, एकता और सांस्कृतिक गौरव का उत्सव है।
यह आयोजन भारत की स्वतंत्रता की भावना को पुनः जीवित करता है और नई पीढ़ी को यह याद दिलाता है कि ‘माँ भारती की वंदना’ ही हमारी सबसे बड़ी पहचान है।



