छत्तीसगढ़

उत्तर बस्तर कांकेर : ‘बस्तर राइजिंग’ का कारवां जिले के ग्राम गोटीटोला से शुरू

टीम ने देखीं प्राचीन शैलचित्र की अद्भुत कलाकृतियां

उत्तर बस्तर कांकेर, 08 अक्टूबर 2025

छत्तीसगढ़ शासन जनसम्पर्क विभाग और बस्तर संभाग के तहत जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से ‘बस्तर राइजिंग‘ नामक विशेष अभियान का आज से जिले के ग्राम गोटीटोला हुआ। अभियान के प्रथम दिन हिमाचल प्रदेश से आए नवाचारी दल के द्वारा आज चारामा विकासखण्ड के ग्राम गोटीटोला की पहाड़ियों में स्थित प्राचीन शैलचित्र की एलियननुमा कलाकृतियों का अवलोकन किया गया। इस अभियान में शामिल टीम के सभी सदस्यों ने वहां मौजूद प्राचीन शैलचित्रों (रॉक पेंटिंग्स/शैलाश्रय चित्र) का गहन अवलोकन किया और स्थानीय साझेदारी में इसका महत्त्व उजागर किया। उन्होंने इन कलाकृतियों से अभिभूत होकर उन्होंने मुक्तकण्ठ से प्रशंसा की।

गोटीटोला शैलचित्र : एक झलक
गोटीटोला में पाए जाने वाले शैलचित्रों की विशेषता है कि वे “जोगड़ा देव” नामक शैलाश्रय से संबंधित माने जाते हैं।  इन चित्रों में मानव आकृतियों, हाथों की हथेलीनुमा छाप, पग-चिन्हों, पशु रूपों एवं अन्य प्रतीकात्मक आकृतियों को देखा गया है। खास बात यह है कि कुछ चित्रों में मानव आकृतियां लाल और पीले रंगों में बनी हैं, और समय के साथ भी आज तक इनका रंग फीका नहीं पड़ा। एक दिलचस्प पहलू यह भी बताया जाता है कि कुछ आकृतियां एलियन जैसे स्वरूप की प्रतीत होती हैं। इनमें सिर पर विशेष आकार, पैरों एवं हाथों में तीन-तीन उंगलियों का चित्रण आदि शामिल है। इन शैलचित्रों के संबंध में ग्रामीणों की मान्यता है कि ये चित्र 5 हजार से अधिक वर्ष पुराने हो सकते हैं। यह शैलखण्ड “रामगुड़ा” नामक वृत्ताकार चट्टान पर स्थित है, जो गोटीटोला क्षेत्र की पहाड़ियों पर फैली है।  
उल्लेखनीय है कि ”हार्मोनी फेस्ट 2025” अंतर्गत “बस्तर राइजिंग” नामक यह बहुआयामी अभियान के तहत बस्तर संभाग की सांस्कृतिक, पर्यावरणीय और उद्यमशीलता क्षमताओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने व पृथक् पहचान दिलाने के उद्देश्य से जनसंपर्क विभाग द्वारा विशेषज्ञों, युवाओं, शिल्पकारों और स्थानीय समुदायों के बीच संवाद कार्यशालाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की पहल की गई है। “दिल मेला : दिल में ला” थीम पर आधारित इस अभियान के अंतर्गत बस्तर की प्रेरक कहानियाँ, नवाचार एवं सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा।

सात सदस्यीय टीम में ‘प्लेसेज ऑफ पॉसिबिलिटीज़‘ के संस्थापक प्रतुल जैन सहित परीना सिंघल, पलक चौधरी, आयुषी कपूर, निष्ठा जोशी, सदफ अंजुम, फ्रानो डिसिल्वा शामिल थे। टीम के सदस्यों को इनक्रेडिबल छत्तीसगढ़ के संस्थापक धीरज कटारा ने स्थानीय विशेषताओं से अवगत कराया। इस अवसर पर जनसम्पर्क विभाग के संयुक्त संचालक सुरेंद्र ठाकुर भी मौजूद थे।

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