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फूफा ने करवाई थी सेटिंग..100 प्रतिशत वहीं सवाल फंसे….NEET परीक्षा गड़बड़ी मामले में चौकाने वाला खुलासा

नई दिल्ली। NEET परीक्षा गड़बड़ी मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. बिहार के दानापुर नगर परिषद में तैनात एक इंजीनियर की भी परीक्षा गड़बड़ी में संलिप्तता आई है. इंजीनियर सिकंदर प्रसाद यादवेंदु ने दावा किया कि उसने अपने भतीजे अनुराग यादव की भी मदद की थी. अब इस मामले में पुलिस ने अनुराग के बयान दर्ज किए हैं.

सिंकदर ने किए चौंकाने वाले खुलासे

सिकंदर प्रसाद यादवेंदु बिहार के दानापुर नगर परिषद में जेई है. उसने हाल ही में कन्फेशन नोट में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. सिंकदर ने कहा, उसने 4 नीट परीक्षार्थियों आयुष राज, शिवनंदन कुमार, अभिषेक कुमार और अनुराग यादव की पटना में रहने में मदद की थी. अनुराग उसका भतीजा था. वो अपनी मां रीना कुमारी के साथ पटना आया था.

यादवेंदु का कहना था कि वो एक रैकेट के संपर्क में था, जिसने ना सिर्फ NEET बल्कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षाओं के प्रश्न पत्र भी लीक किए थे. इसके अलावा, जिस गेस्ट हाउस में परीक्षार्थी रुके थे, वहां के बिल भी हासिल किए गए हैं. गेस्ट हाउस की बिल बुक में एक ‘मंत्री जी’ का भी उल्लेख है, जिन्होंने कथित तौर पर अनुराग यादव और उसके सहयोगियों के ठहरने की सुविधा प्रदान की थी. यह गेस्ट हाउस पटना चिड़ियाघर और पटना एयरपोर्ट के पास स्थित है. इस संबंध में बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का कहना था कि गेस्ट हाउस में जिन लोगों को पकड़ा गया है, वे किसी प्रीतम से जुड़े हुए हैं. 

दरअसल, 4 जून को नीट परीक्षा का रिजल्ट आया तो पहली बार 67 स्टूडेंट्स टॉपर बने और उन्हें 720 में से 720 अंक मिले. टॉपर्स की लिस्ट देखने के बाद नीट परीक्षा में धांधली का मुद्दा उठाया गया. 13 जून को एनटीए ने फैसला लिया कि ग्रेस मार्क्स वाले छात्रों की परीक्षा दोबारा आयोजित कराई जाएगी, लेकिन अभी भी छात्रों का गुस्सा थमा नहीं है. बिहार और गुजरात से सामने आई पेपर लीक की खबरों से एनटीए की विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर कई सवाल खड़े हो गए हैं, इसीलिए छात्र मामले में CBI जांच की मांग कर रहे हैं. धांधली के मामले में पटना और पंचमहल से कई गिरफ्तारियां हुई हैं. पटना में 13 लोग गिरफ्तार हुए हैं, जिनमें 4 छात्र शामिल हैं. पुलिस छानबीन में पता चला कि पेपर लीक हुआ था और गिरोह ने बच्चों को पास कराने के लिए लाखों रुपए वसूले थे. पंचमहल में भी छात्रों से लाखों रुपए वसूले गए और गिरोह ने सही जवाब भरकर आंसर शीट जमा की.

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