छत्तीसगढ़
उर्वरक‑बीज संकट,कृषि क्षेत्र में बीज और उर्वरक की गंभीर कमी पर कांग्रेस ने अड्जॉर्नमेंट मोशन पेश किया,

कृषि क्षेत्र में बीज और उर्वरक की गंभीर कमी पर कांग्रेस ने अड्जॉर्नमेंट मोशन पेश किया, इसके कारण सदन में भगदड़ मची।
- नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने बताया कि DAP उर्वरक की सिर्फ 1.1 लाख टन आपूर्ति हुई, जबकि लक्ष्य 3.1 लाख था और बीज की भी कमी बनी हुई है।
- 23 विपक्षी विधायक नाराज़ हुए और उनको निलंबित किया गया, बाद में बहाल किया गया
15 जुलाई 2025 को छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र में उठे उर्वरक‑बीज संकट से जुड़ी जानकारी

🌾 1. विपक्ष ने अड्जॉर्नमेंट मोशन पेश किया
- नेता विपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने ज़ीरो आवर में उर्वरक और बीज की गंभीर कमी पर अड्जॉर्नमेंट मोशन पेश किया।
- उन्होंने बताया कि राज्य के 40.10 लाख किसान, खासकर छोटे और सीमांत किसान, इस संकट से प्रभावित हैं।
- DAP उर्वरक की आपूर्ति लक्ष्य के केवल बहुत कम हिस्से (3.10 लाख टन में से मात्र ~1.1 लाख टन) ही हुई है। इसी तरह यूरिया की आपूर्ति भी लक्ष्य से लगभग आधी रही।
🔥 2. सदन में हंगामा और मशीनरी
- अड्जॉर्नमेंट मोशन को स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने खारिज कर दिया। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन की वेल में धरना प्रदर्शन शुरू किया।
- इस कारण कार्यवाही कुछ समय के लिए रोकी गई और बाद में 23 विपक्षी विधायक को निलंबित किया गया।
- कुछ देर बाद उन्हें पुनः बहाल कर दिया गया।
🗣️ 3. विपक्ष के मुख्य आरोप
- कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार कुंभकरण-नींद में है और किसानों को नकली विकल्प (महंगे विकल्पी उर्वरक) अपनाने पर मजबूर किया जा रहा है, जिससे उनकी लागत बढ़ रही है।
- हालांकि, सरकार द्वारा दिये गए Nano‑fertiliser (नैनो DAP), NPK, SSP से संक्रमित रास्ता अपनाया जा रहा है।
🛡️ 4. सरकार का बचाव
- कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि:
- Phosphatic fertilisers (DAP आदि) की वैश्विक आपूर्ति बाधित हुई है।
- Nano DAP पर्याप्त मात्रा में संग्रहित किया गया है।
- लक्ष्य से अधिक पोटैश और अन्य उर्वरकों का स्टॉक बनाया गया।
- अब तक 28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बीज बोया गया।
- Urea और बीज की उपलब्धता भी सरकार द्वारा सुनिश्चित की जा रही है—खाद की आपूर्ति और स्टॉक के आँकड़े पेश किए गए।
⚖️ 5. राजनीति और किसानों पर असर
- विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह مصنوعी संकट पैदा किया गया है ताकि भाजपा सरकार के किसान पर ध्यान कम हो—वही, सरकार ने इसे वैश्विक आपूर्ति चेन में व्यवधान बताया।
- किसानों की ऑंखों में सर्दी बनी रही—खासकर रबी एवं खरीफ फसलों के बीच दरकार ज्यादा महसूस हुई।
🔍 निष्कर्ष
पहलू | स्थिति |
---|---|
DAP लक्ष्य बनाम आपूर्ति | 3.10 लाख टन बनाम ~1.1 लाख टन |
YREA आपूर्ति | लक्ष्य 7.12 लाख टन में से 3.59 लाख टन तक |
उर्वरक विकल्प | Nano‑fertilisers, NPK, SSP स्टॉक |
किसानों की कठिनाई | लागत, डिमांड‑सप्लाई में अंतर |
राजनीतिक प्रभाव | नेता विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया, विधायकों का निलम्बन |