छत्तीसगढ़

तमनार हिंसक झड़प की होगी जांच, मुख्यमंत्री साय बोले– दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी

रायपुर। रायगढ़ जिले के तमनार क्षेत्र में पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर अब जांच के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि मामले की पूरी जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

क्या है पूरा मामला

शनिवार को तमनार क्षेत्र में जिंदल कंपनी की कोयला खदान परियोजना के विरोध में 14 गांवों के ग्रामीण आंदोलन कर रहे थे। ग्रामीणों का आरोप है कि गारे–पेलमा कोल ब्लॉक की जनसुनवाई फर्जी तरीके से कराई गई, इसी के विरोध में वे लिबरा के सीएचपी चौक पर कंपनी गेट के सामने शांतिपूर्ण धरने पर बैठे थे। इस आंदोलन के चलते कंपनी से जुड़े भारी वाहनों का परिचालन पूरी तरह ठप हो गया था।

पुलिस कार्रवाई के बाद भड़की हिंसा

शनिवार को पुलिस दल-बल के साथ मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाइश देकर धरना समाप्त करने को कहा। इस दौरान विरोध कर रहे कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया। इसके बाद वाहनों का परिचालन दोबारा शुरू हो गया।

इसी बीच खुरूषलेंगा गांव के पास एक भारी वाहन की टक्कर से साइकिल सवार ग्रामीण घायल हो गया। इस घटना के बाद ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा और माहौल तनावपूर्ण हो गया।

महिला टीआई समेत कई पुलिसकर्मी घायल

घटना की सूचना मिलते ही तमनार थाना प्रभारी कमला पुसाम पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचीं। आरोप है कि आक्रोशित ग्रामीणों ने लाठी-डंडों और लात-घूंसों से महिला टीआई की पिटाई कर दी। इसके साथ ही पुलिस पर पथराव भी किया गया, जिसमें महिला टीआई कमला पुसाम समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।

हिंसा के दौरान ग्रामीणों ने एक बस सहित दो वाहनों को आग के हवाले कर दिया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।

30 से 35 लोग गिरफ्तार

घटना के बाद पुलिस ने सख्ती बरतते हुए 30 से 35 लोगों को गिरफ्तार किया है। इलाके में फिलहाल भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

मुख्यमंत्री का बयान

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि तमनार की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और चाहे कोई भी हो, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई तय है

फिलहाल पूरे मामले ने राज्य की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है, वहीं ग्रामीण आंदोलन और पुलिस कार्रवाई को लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।

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