सिरपुर जंगल में 159 पेड़ों की अवैध कटाई — मांझी सेना के 23 लोग गिरफ्तार…

📍 स्थान: सिरपुर परिक्षेत्र, बारनवापारा परियोजना मंडल, रायपुर (छत्तीसगढ़)
🗓️ घटना का खुलासा: 29 अक्टूबर 2025
📰 मामला दर्ज और कार्रवाई: वन विकास निगम, महासमुंद
⚖️ मामले का सारांश
छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम (Forest Development Corporation) के अधिकारियों ने सिरपुर जंगल क्षेत्र में 159 पेड़ों की अवैध कटाई का मामला पकड़ा है।
इस मामले में मांझी सेना के 23 लोगों (20 महिलाएं और 3 पुरुष) को गिरफ्तार किया गया है।
सभी आरोपियों को आज न्यायालय में पेश किया गया।

🌲 अवैध गतिविधि का विवरण
सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी के अनुसार —
- यह घटना कक्ष क्रमांक 80, सिरपुर आरक्षित वन क्षेत्र की है।
- रायकेरा गांव के कुछ लोगों ने लगभग 2.33 हेक्टेयर भूमि पर अवैध रूप से:
- 159 मिश्रित पौधों की कटाई की,
- जंगल की साफ-सफाई की,
- और खेती के लिए मेड़ (boundary embankment) बना लिया।
जब वन अधिकारियों ने इन लोगों को चेतावनी दी और समझाने की कोशिश की, तब भी वे अपनी गतिविधि रोकने को तैयार नहीं हुए।
👮♀️ गिरफ्तारी की कार्रवाई
- कुल 23 लोग गिरफ्तार किए गए, जिनमें
- 20 महिलाएं
- और 3 पुरुष शामिल हैं।
- सभी को न्यायालय में पेश कर वन अपराध प्रकरण दर्ज किया गया है।
- वन अधिकारियों ने बताया कि इस अवैध कटाई से राज्य शासन को ₹23,562 का आर्थिक नुकसान हुआ है।
🧑🌾 गिरफ्तार लोगों का पक्ष
गिरफ्तार मांझी सेना के सदस्यों ने वन विभाग के आरोपों से इनकार किया।
उन्होंने कहा —
“हमने पेड़ नहीं काटे, केवल अपने बच्चों के लिए खेती करने की जगह बनाई है।
हमने छोटे-छोटे झाड़ हटाकर खेत तैयार किए और उसमें फलदार पौधे लगाए हैं।”
उनका कहना है कि उनका उद्देश्य भूमि का उपयोग खेती और बागवानी के लिए करना था, न कि वन को नुकसान पहुँचाना।
👩👩👧 गिरफ्तार महिलाओं में शामिल पदाधिकारिणियाँ
गौरतलब है कि गिरफ्तार महिलाओं में समाज में सक्रिय कुछ पदाधिकारिणियाँ भी हैं, जिनमें —
- पंच (ग्राम पंचायत सदस्य),
- मितानिन (स्वास्थ्य कार्यकर्ता),
- और आंगनबाड़ी सहायिका भी शामिल हैं।
इससे मामला सामाजिक दृष्टि से भी संवेदनशील बन गया है।
🌳 वन विभाग का रुख
वन विकास निगम के अनुसार:
- सिरपुर परिक्षेत्र आरक्षित वन क्षेत्र है, जहां किसी भी प्रकार की कटाई या भूमि उपयोग परिवर्तन कानूनी अपराध है।
- बिना अनुमति पेड़ों की कटाई वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत दंडनीय अपराध है।
- इस संबंध में आगे की जांच जारी है और अन्य संबंधित लोगों की भूमिका भी जांच के दायरे में है।
📌 महत्वपूर्ण तथ्य संक्षेप में
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| 🔹 घटना स्थल | सिरपुर परिक्षेत्र, बारनवापारा परियोजना मंडल, रायपुर |
| 🔹 कटे पेड़ों की संख्या | 159 |
| 🔹 प्रभावित क्षेत्र | 2.33 हेक्टेयर |
| 🔹 आर्थिक नुकसान | ₹23,562 |
| 🔹 गिरफ्तार लोग | 23 (20 महिलाएं, 3 पुरुष) |
| 🔹 आरोप | अवैध पेड़ कटाई, साफ-सफाई, मेड़ निर्माण |
| 🔹 कार्रवाई | न्यायालय में पेशी |
| 🔹 कानून | वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के अंतर्गत अपराध |
🗣️ निष्कर्ष
सिरपुर जंगल की यह घटना एक बार फिर वन भूमि के अतिक्रमण और ग्रामीण जरूरतों के बीच टकराव को उजागर करती है।
एक ओर ग्रामीण समुदाय अपने जीवन-निर्वाह और खेती के लिए जमीन चाहते हैं,
तो दूसरी ओर वन विभाग पर्यावरण संरक्षण और कानूनी सीमाओं की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
आने वाले दिनों में न्यायालय और वन विभाग की जांच से यह तय होगा कि वास्तव में यह अवैध कटाई थी या आजीविका से जुड़ी गलतफहमी।



