शशि थरूर, The Bads Of Bollywood और ट्रोलिंग पर उनका जवाब….

1) क्या हुआ — थारूर ने क्या लिखा?
शशि थरूर ने 26 अक्टूबर 2025 को X (पूर्व में Twitter) पर बताया कि वे कुछ दिनों से सर्दी-जुकाम से जूझ रहे थे और उनकी बहन स्मिता थरूर व स्टाफ ने उन्हें नेटफ्लिक्स इंडिया पर आई नई सीरीज The Bads Of Bollywood देखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए अब तक की “ओटीटी गोल्ड” में से एक निकली — यानी शुरुआत में असहज लगे पर धीरे-धीरे यह पूरी तरह पकड़ लेती है। थारूर ने पोस्ट में आर्यन खान को टैग कर उनके काम की तारीफ भी की।

2) ट्रोल क्या बोले — और थरूर ने कैसे जवाब दिया?
किसी यूज़र ने थरूर के पोस्ट पर व्यंग्य करते हुए लिखा कि “शशि थरूर का नया साइड बिजनेस — पेड रिव्यू।” इसके जवाब में थरूर ने स्पष्ट शब्दों में कहा: “I’m not for sale, my friend. No opinion I express has ever been paid for by anybody, in cash or in kind.” यानी: “मैं बिकाऊ नहीं हूँ — मेरी कोई भी राय कभी किसी के द्वारा नकद या किसी भी तरह से भुगतान करके नहीं ली गई है।” थारूर का यह जवाब सोशल मीडिया पर खूब शेयर और चर्चित हुआ।
3) बातचीत का प्रसंग (क्यों हुआ ये विवाद)?
- थरूर की तारीफ इसलिए चर्चा में आई क्योंकि The Bads Of Bollywood — जो आर्यन खान का डायरेक्टोरियल डेब्यू है — नेटफ्लिक्स पर अपेक्षाकृत बड़ी प्रोफाइल के साथ आई थी और इसमें कई नामी हस्तियों के कैमियो/दिखावे शामिल थे। ऐसे में जब कोई राजनेता या सार्वजनिक हस्ती खुले तौर पर प्रशंसा कर देता है तो कुछ नेटिज़न्स शक व्यक्त कर देते हैं कि क्या यह साफ-सुथरी राय है या पेड प्रमोशन।
4) सीरीज के बारे में संक्षेप (जो बातों का हवाला दिया जा रहा है)
The Bads Of Bollywood में बॉबी देओल, लक्ष्य लालवानी, राघव जुयाल जैसे अभिनेता अहम भूमिका में दिखे हैं और रिलीज के बाद दर्शकों व आलोचकों दोनों का ध्यान खींचा है — कुछ ने इसकी तारीफ की, कुछ ने सवाल उठाए। (सीरीज से जुड़ी अन्य प्रतिक्रियाओं और कानूनी/विवादों की रिपोर्टें भी मीडिया में आयी हैं।)
5) सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया का स्वर
- कुछ लोग थरूर का समर्थन करते हुए कह रहे हैं कि किसी की ईमानदार राय पर “पेड” का लेबल लगाना गलत है।
- वहीं कुछ नेटिज़न्स पहले-एपिसोड/ट्रेलर के प्रभाव और बड़े नामों से जुड़ी उम्मीदों के कारण सशंकित दिखे। थरूर का कड़ा जवाब—“I’m not for sale”—काफी लोगों ने सकारात्मक व प्रभावी माना।
6) निष्कर्ष (कहां से क्या समझें)
- सार्वजनिक हस्तियों द्वारा अभिव्यक्त रायें अक्सर मीडिया-सर्कल और सोशल-मीडिया में बड़े पैमाने पर चलती हैं; इससे ट्रोलिंग और शक दोनों होते हैं।
- इस घटना में थरूर ने खुले और स्पष्ट शब्दों में अपनी स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर बात कहीं — और उसी के साथ विवाद शांत हुआ/कम हुआ, पर यह बहस दर्शाती है कि आज की सोशल मीडिया संस्कृति में प्रशंसा पर भी आसानी से संदेह जताया जाता है।



