
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में एक और बड़ा मोड़ आया है। इस बार मामला और अधिक गंभीर इसलिए हो गया क्योंकि इसमें नाम जुड़ा है राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल का। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मामले की गहन जांच के बाद चैतन्य को अदालत में पेश किया, जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत (judicial custody) में रायपुर केंद्रीय जेल भेज दिया गया।

🔎 क्या है यह शराब घोटाला?
यह घोटाला छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर सरकारी शराब वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और अवैध उगाही से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि एक संगठित गिरोह ने शराब की बिक्री से करोड़ों रुपये का काला धन कमाया और उसे कई माध्यमों से वैध दिखाने की कोशिश की गई। इस घोटाले में कई नौकरशाह, व्यवसायी और राजनीतिक नाम सामने आ चुके हैं।
ED के अनुसार:
- यह घोटाला 2000 करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है।
- शराब दुकानों के लाइसेंस देने, बिक्री रजिस्टर में गड़बड़ी और नकद लेन-देन के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया।
- मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज है।
👤 चैतन्य बघेल की भूमिका क्या है?
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि चैतन्य बघेल ने इस कथित अवैध नेटवर्क से प्राप्त धन के निवेश और ट्रांसफर में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने कथित रूप से इस घोटाले से संबंधित कुछ कंपनियों या संपत्तियों में फंडिंग या प्रॉक्सी निवेश किया, जो अब जांच के घेरे में है।
- ED ने चैतन्य बघेल से पूछताछ के दौरान वित्तीय दस्तावेज, बैंक ट्रांजेक्शन और ईमेल कम्युनिकेशन को खंगाला।
- ईडी ने कोर्ट से कहा कि चैतन्य सहयोग नहीं कर रहे थे, इसलिए आगे की जांच के लिए न्यायिक रिमांड जरूरी है।
🏛️ अदालत की कार्यवाही:
- चैतन्य को विशेष PM-LA (Prevention of Money Laundering Act) अदालत में पेश किया गया।
- ईडी ने कोर्ट से कस्टडी की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत दी।
- इसका अर्थ यह है कि वह अब ईडी की हिरासत में न रहकर सीधे जेल प्रशासन के अधीन रहेंगे।
🔐 न्यायिक रिमांड और पुलिस रिमांड में अंतर:
पुलिस रिमांड | न्यायिक रिमांड |
---|---|
आरोपी पुलिस हिरासत में रहता है | आरोपी को जेल भेजा जाता है |
पूछताछ की स्वतंत्रता अधिक होती है | पूछताछ सीमित होती है |
अधिकतम 15 दिन | अधिकतम 90 दिन (मामले के अनुसार) |
📌 इस घटनाक्रम के व्यापक राजनीतिक मायने:
- राजनीतिक दबाव और चर्चा: चैतन्य की गिरफ्तारी और रिमांड से छत्तीसगढ़ की राजनीति में उबाल है। कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है, जबकि भाजपा इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कह रही है।
- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान: उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी “राजनीतिक हथकंडा” है और उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है।
- लोकसभा और विधानसभा में विरोध: कांग्रेस विधायकों ने संसद में भी इस मुद्दे को उठाया और इसे राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया।
⏭️ आगे क्या हो सकता है?
- चैतन्य बघेल की फॉरेंसिक ऑडिट, डिजिटल उपकरणों की जांच, और वित्तीय लेन-देन की छानबीन जारी रहेगी।
- अगर सबूत मजबूत पाए जाते हैं तो चार्जशीट दायर कर दी जाएगी।
- चैतन्य की ओर से जमानत याचिका भी जल्द दाखिल की जा सकती है, जिसे अदालत सुनेगी।