शाला प्रवेश उत्सव के दूसरे दिन गर्ल्स हॉस्टल स्पोर्ट् एकेडमिक बच्चों को छोड़ने वाला स्कूटी मामला तूल पकड़ा..

जहां छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के शाला प्रवेश उत्सव उद्धघटन के दूसरे ही दिन बीजापुर में सॉफ्टबॉल कोच की वजह से शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है।
3 जुलाई की रात 12.30 बजे एक अपने को अंतरराष्ट्रीय सॉफ्टबॉल कोच व श्रम निरीक्षक कहने वाले सोपान कर्णेवर के निवास रूम से अन्य विभाग से एक अटैक सहायक कोच, दो छात्राओं को स्कूटी से हॉस्टल छोड़ने पहुँचा, सोशल मीडिया में हुआ था वीडियो वायरल की सच्चाई देखें आज
इस घटना के बाद आदिवासी संगठनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

श्रम निरीक्षक सोपान कर्णेवर पर पूर्व भी विभागीय अनियमितता के आरोपों बाद इन पर निलंबन की कारवाई हुई थी।
अब सवाल उठता है रात में आदिवासी छात्राएं बाहर कैसे पहुँचीं? किसकी अनुमति से? और अगर कुछ अनहोनी हो जाती, तो जिम्मेदार कौन होता?
शासकीय कर्मचारी श्रम निरीक्षक की लापरवाही से भाजपा सरकार व जिला प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे, श्रम निरीक्षक से फोन पर बात करने पर बच्चों को छोड़ा गया था पूरी जिम्मेदारी खुद लिया था।
उच्च अधिकारी आखिर सब जानते क्यों नहीं कर रहे साफटबाल कोच व श्रम निरीक्षक सोपान कर्णेवर पर कार्रवाई , क्या कोई घटना की इंतजार में, क्यों है जिला प्रशासन मेहरबान

अब देखना होगा क्या इस मामले में कोई ठोस कदम उठाया जाएगा या फिर यह भी एक और दबा दिया जाएगा?
बीजापुर गर्ल्स हॉस्टल में आधी रात को छात्राएं स्कूटी से छोड़ी गई , खेल प्रभारी अधिकारी डिप्टी कलेक्टर मुकेश देवगन ने कैमरा में आने से बचे क्योंकि उन्हें पूरी तरह से पूर्व प्रभारी एन. पी. ग्बेल से चार्ज नहीं मिला, अब क्या होगा जिले का की सवाल