छत्तीसगढ़

शहर में मांस-मटन बिक्री पर अस्थायी रोक…

शहर में मांस-मटन बिक्री पर अस्थायी रोक

वहीं दूसरी ओर, गुरु घासीदास जयंती (18 दिसंबर) और संत तारण तरण जयंती (19 दिसंबर) के अवसर पर रायपुर नगर निगम ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए नगर निगम सीमा क्षेत्र में मांस-मटन की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।

इन दो दिनों के दौरान सभी पशुवध गृह (स्लॉटर हाउस) भी बंद रहेंगे। नगर निगम प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

नगर निगम का कहना है कि यह निर्णय सामाजिक सौहार्द और श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। प्रशासन ने नागरिकों और व्यापारियों से सहयोग की अपील की है।

इन दोनों मुद्दों को लेकर शहर और प्रदेश में चर्चा तेज है—एक ओर शिक्षा नीति को लेकर राजनीतिक विरोध, तो दूसरी ओर धार्मिक अवसरों पर प्रशासनिक सख्ती देखने को मिल रही है।

शहर में मांस-मटन बिक्री पर अस्थायी रोक, नगर निगम का अहम फैसला

गुरु घासीदास जयंती (18 दिसंबर) और संत तारण तरण जयंती (19 दिसंबर) के अवसर पर रायपुर नगर निगम ने धार्मिक एवं सामाजिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णय लिया है। इसके तहत नगर निगम सीमा क्षेत्र में मांस-मटन की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।

नगर निगम प्रशासन के अनुसार, इन दोनों दिनों में सभी पशुवध गृह (स्लॉटर हाउस) पूर्ण रूप से बंद रहेंगे। इसके साथ ही मांस-मटन की खुदरा और थोक बिक्री पर भी रोक लागू रहेगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि प्रतिबंध के दौरान नियमों का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों और व्यापारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना और लाइसेंस संबंधी कार्रवाई भी शामिल हो सकती है।

नगर निगम का कहना है कि यह निर्णय सामाजिक सौहार्द बनाए रखने, धार्मिक आस्था का सम्मान करने और श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस न पहुंचे, इस उद्देश्य से लिया गया है। प्रशासन ने शहरवासियों से अपील की है कि वे इस दौरान सहयोग करें और नियमों का पालन करें।

साथ ही, नगर निगम अधिकारियों को निगरानी के निर्देश दिए गए हैं ताकि प्रतिबंध का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा सके। शहर के प्रमुख बाजारों और संवेदनशील इलाकों में विशेष नजर रखी जाएगी।

इस तरह, एक ओर जहां शिक्षा नीति से जुड़े फैसलों पर राजनीतिक बहस तेज है, वहीं दूसरी ओर धार्मिक आयोजनों के मद्देनजर प्रशासनिक स्तर पर सख्ती भी देखने को मिल रही है, जो शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है।

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