छत्तीसगढ़
सेक्टर-9 अस्पताल के निजीकरण के विरोध में संयुक्त संगठनों का बड़ा प्रदर्शन

भिलाईनगर में सेक्टर-9 अस्पताल के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों और क्षेत्रवासियों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में संयुक्त कर्मचारी संगठनों ने सेक्टर-9 चौक पर एक विशाल विरोध प्रदर्शन आयोजित किया, जिसमें बड़ी संख्या में कर्मचारी, रिटायरी और स्थानीय नागरिक शामिल हुए।
क्यों हो रहा है विरोध?
- संयंत्र के इस प्रमुख अस्पताल का निजीकरण किए जाने की खबर सामने आने के बाद कर्मचारियों में गहरी असुरक्षा और चिंता उत्पन्न हो गई है।
- विशेष रूप से रिटायर्ड कर्मचारी इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, क्योंकि वर्षों से वे सेक्टर-9 अस्पताल से ही अपने स्वास्थ्य उपचार और मेडिकल सुविधाओं पर निर्भर रहे हैं।
- प्रदर्शनकारियों का कहना है कि निजीकरण के बाद उपचार महंगा होगा, सुविधाएँ सीमित होंगी और कर्मचारियों के परिजनों के लिए भी पुराने लाभ समाप्त होने का खतरा है।

प्रदर्शन के दौरान क्या हुआ?
- प्रदर्शन स्थल सेक्टर-9 चौक पर संयुक्त संगठनों ने नारेबाजी और सामूहिक विरोध के माध्यम से अपनी आपत्ति दर्ज कराई।
- कार्यक्रम के दौरान संयुक्त प्रतिनिधि मंडल ने आई.आर. अधिकारी (Industrial Relations Officer) को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें निजीकरण प्रस्ताव को तुरंत वापस लेने की मांग की गई।
- संगठनों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सेक्टर-9 अस्पताल का निजीकरण किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा।
कौन-कौन रहे शामिल?
विरोध प्रदर्शन में कई प्रमुख कर्मचारी नेता और प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें —
सुरेंद्र मोहंती, देवेंद्र सोनी, लखन संगोडे, राजेंद्र परगनीहा, चंद्रकला, नारायण राव, संजना, सारदा मेश्राम, निरा डेहरिया, महेश, भावना, वर्षा और कलादास डेहरिया प्रमुख रूप से मौजूद रहे।



