बिलासपुर

सांसद आदर्श ग्राम में जिला स्तरीय सुशासन शिविर, छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर नहीं लगाने पर सियासी घमासान

कांग्रेस ने जताई नाराजगी, भाजपा और प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

तखतपुर/बिलासपुर। तखतपुर विकासखंड के सांसद आदर्श ग्राम पंचायत छतौना में आयोजित जिला स्तरीय सुशासन शिविर उस समय विवादों में आ गया, जब कार्यक्रम के मंच पर छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर नहीं लगाए जाने को लेकर कांग्रेस ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। कांग्रेस नेताओं ने इसे छत्तीसगढ़ की अस्मिता का अपमान बताते हुए भाजपा और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

कांग्रेस का आरोप: छत्तीसगढ़ की पहचान को जानबूझकर किया गया नजरअंदाज

तखतपुर कांग्रेस नगर अध्यक्ष बिहारी देवांगन ने कहा कि जिस मंच से सुशासन की बात की जा रही थी, वहां छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर तक नजर नहीं आई। उन्होंने आरोप लगाया कि मंच को इस तरह सजाया गया था मानो कोई फोटो प्रदर्शनी चल रही हो—नेताओं के बड़े-बड़े कटआउट, चमचमाते पोस्टर और मुस्कुराते चेहरे तो थे, लेकिन छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक पूरी तरह गायब था।

बिहारी देवांगन ने कहा कि भाजपा की सोच छत्तीसगढ़िया विरोधी है और सरकार जैसा चाहती है, अधिकारी वैसा ही करते हैं। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि आगे से सभी शासकीय और सार्वजनिक कार्यक्रमों में छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर अनिवार्य रूप से लगाई जाए

जिला पंचायत अध्यक्ष और सभापति ने भी जताई नाराजगी

मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश सूर्यवंशी और सभापति अंबिका साहू ने भी सुशासन के मंच से छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर गायब रहने को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने इसे साधारण भूल नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक बताया।

दोनों जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में तखतपुर जनपद पंचायत के सीईओ सत्यव्रत तिवारी को कटघरे में खड़ा किया। जब मीडिया ने सीईओ से इस विषय में सवाल किया, तो वे कोई स्पष्ट और संतोषजनक जवाब नहीं दे सके

अधिकारियों और ग्रामीणों की रही बड़ी मौजूदगी

इस शिविर में बिलासपुर जिले के तमाम आला अधिकारी, जनपद पंचायत के कर्मचारी और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद थे। विवाद के बावजूद शिविर में विभिन्न शासकीय योजनाओं से जुड़ी गतिविधियां संचालित की गईं।

प्रशासन का पक्ष: योजनाएं अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास

शिविर को संबोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश सूर्यवंशी ने कहा कि “प्रशासन गांव की ओर” अभियान से शासन और जनता के बीच की दूरी कम हुई है। अब योजनाओं का लाभ सीधे जरूरतमंदों तक पहुंच रहा है।

वहीं कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि जिला प्रशासन का उद्देश्य अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित करना है। ऐसे शिविरों के माध्यम से आसपास के 10 से 15 गांवों के लोग एक ही स्थान पर जानकारी, पात्रता और आवेदन की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं।

विकास कार्य और सामाजिक संदेश भी दिए गए

शिविर के दौरान—

  • अटल डिजिटल सुविधा केंद्र के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया गया
  • ग्रामीणों को डिजिटल सेवाओं का लाभ गांव में ही मिलने की सुविधा शुरू हुई
  • कलेक्टर अग्रवाल ने वर्षा जल संचयन, नशामुक्ति और साइबर ठगी से सतर्क रहने की अपील की

विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों के माध्यम से योजनाओं की जानकारी दी गई और पात्र हितग्राहियों को मौके पर ही लाभान्वित किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अन्नप्रासन और गोदभराई जैसे संस्कार कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।

योजना से बदली जिंदगी: दिव्यांगों को मिला नया सहारा

शिविर का सबसे भावुक पल तब आया जब समाज कल्याण विभाग द्वारा बेलमुंडी निवासी दिव्यांग प्रसाद केंवट को मोटराइज्ड ट्राइसिकल और बैसाखी प्रदान की गई। ट्राइसिकल पाते ही उनके चेहरे पर आत्मविश्वास झलक उठा। उन्होंने कहा कि अब वे अपने दैनिक कार्य स्वयं कर सकेंगे।

इसी तरह संतोष कुमार लास्कर को भी मोटराइज्ड ट्राइसिकल और छड़ी प्रदान की गई, जिससे उनके जीवन में आत्मनिर्भरता की नई शुरुआत हुई।

जनप्रतिनिधि और प्रशासन की साझा मौजूदगी

कार्यक्रम में सीईओ जिला पंचायत संदीप अग्रवाल, तखतपुर जनपद पंचायत अध्यक्ष माधवी संतोष वस्त्रकार, जिला पंचायत सदस्य अंबिका विनोद साहू, ग्राम पंचायत सरपंच राधिका राकेश कौशिक सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

कुल मिलाकर, सुशासन शिविर जहां एक ओर योजनाओं के लाभ वितरण का मंच बना, वहीं छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर नहीं लगाने का मुद्दा राजनीतिक और प्रशासनिक बहस का केंद्र बन गया, जिसने पूरे आयोजन पर सवाल खड़े कर दिए।

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