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“Rising Lion” ऑपरेशन – इजरायल का ईरान पर सबसे बड़ा सैन्य हमला

इजरायल द्वारा शुक्रवार सुबह चलाए गए ऑपरेशन ‘राइजिंग लॉयन’ ने ईरान की राजधानी तेहरान को हिला दिया। सूत्रों के अनुसार, यह हमला न सिर्फ परमाणु ठिकानों पर था, बल्कि इसमें साइबर हथियारों का भी इस्तेमाल हुआ। पहली बार देखा गया कि एक साथ ड्रोन, मिसाइल और डिजिटल जंग एक ही रात में छेड़ी गई।घटना का स्वरूप: इजरायल ने एक व्यापक हवाई और साइबर हमला कर “Rising Lion” (उदित होता सिंह) नाम से ईरान के खिलाफ अपना सबसे बड़ा प्रतिउत्तर शुरू किया।

ऑपरेशन “Rising Lion” – क्या हुआ?
मुख्य लक्षित स्थान
इजरायल ने 200+ F-35 और F-16 लड़ाकू विमानों के ज़रिए ईरान के प्रमुख ठिकानों पर बमबारी की:
- नतांज (Natanz) और फ़ोर्दो (Fordow) – ईरान के परमाणु संयंत्र
- IRGC (इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड) के ठिकाने
- तेहरान एयरबेस और मिसाइल भंडारगृह
- साइबर रक्षा और रडार कमांड केंद्र
साइबर और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर
इजरायल ने ईरान की एयर डिफेंस को हैक किया, रडार सिस्टम को जाम किया ताकि F-35 विमान बिना रुकावट घुसपैठ कर सकें।
ऑपरेशन का उद्देश्य:
- ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकना – जिससे वह परमाणु बम विकसित न कर सके।
- IRGC और उसके कमांडरों को निष्क्रिय करना – क्योंकि वे हमास, हिज़बुल्लाह और हौथियों को समर्थन दे रहे थे।
- ईरान की सैन्य क्षमता को लंबी अवधि तक पंगु करना।
ऑपरेशन के परिणाम:
- ईरान के 100+ सैन्य और परमाणु ठिकानों को नुकसान
- कम से कम 200+ ईरानी सैनिकों और अधिकारियों की मौत, जिनमें परमाणु वैज्ञानिक और IRGC के कमांडर शामिल हैं
- ईरान की प्रतिक्रिया में बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं, जिससे इजरायल में कई लोग घायल हुए
इजरायल की योजना:
- तेज, सटीक और सीमित समय वाला आक्रमण, ताकि अमेरिका या अन्य शक्तियों को हस्तक्षेप करने का मौका न मिले
- ‘Shock and Silence’ सिद्धांत – झटका दो, मौन साधो, और परिणाम देखो
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
देश/संस्था | प्रतिक्रिया |
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अमेरिका | कार्रवाई को “सर्जिकल स्ट्राइक” कहा, लेकिन खुद को इससे अलग बताया |
रूस | संघर्ष विराम की अपील |
चीन | “क्षेत्रीय अस्थिरता” को लेकर चिंता जताई |
संयुक्त राष्ट्र | आपात बैठक बुलाई, युद्धविराम की मांग |
आगे क्या?
- ईरान ने चेतावनी दी है कि यह केवल शुरुआत है।
- मध्य पूर्व में पूर्ण युद्ध का खतरा बढ़ गया है – खासकर लेबनान, सीरिया, गाज़ा और यमन से हमले तेज़ हो सकते हैं।
- भारत सहित दुनिया भर में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ रही हैं।