Reserve Bank के वो दो गवर्नर जिन्होंने कभी किसी नोट पर नहीं किए हस्ताक्षर…
कारोबार l किसी भी नोट पर आपको RBI गवर्नर के साइन जरूर देखने को मिलते हैं. लेकिन आरबीआई के इतिहास में दो गवर्नर ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने कभी किसी नोट पर साइन नहीं किए. कोई भी नोट हाथ में उठाकर देखें तो आपको इसमें RBI Governor के साइन जरूर मिलेंगे. नोट पर RBI गवर्नर के हस्ताक्षर इस बात का प्रमाण हैं कि ये मुद्रा रिजर्व बैंक ने जारी की है. लेकिन क्या आपको पता है कि आरबीआई के इतिहास में दो गवर्नर ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने कभी किसी नोट पर साइन नहीं किए. आइए आपको बताते हैं उनके बारे में.
आरबीआई के पहले गवर्नर सर ओसबोर्न स्मिथ (Sir Osborne Smith) का. 26 दिसंबर 1876 को जन्मे ओसबोर्न स्मिथ 1 अप्रैल 1935 को आरबीआई के पहले गवर्नर बने थे. इसी दिन आरबीआई की स्थापना हुई थी. स्मिथ पेशेवर बैंकर थे. Bank of New South Wales में 20 साल और Commonwealth Bank of Australia में 10 साल सेवाएं देने के बाद 1926 में वो बतौर इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर भारत आ गए. इंपीरियल बैंक में काम करने के दौरान उन्हें बैंकिंग सेक्टर में अच्छी खासी पहचान मिली.
सर ओसबोर्न स्मिथ आरबीआई के वो गवर्नर हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कभी किसी भी नोट पर हस्ताक्षर नहीं किए. आरबीआई की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक आरबीआई गवर्नर के तौर पर स्मिथ का नजरिया विनिमय दरों और ब्याज दरों जैसे नीतिगत मुद्दों पर, तत्कालीन सरकार के दृष्टिकोण से अलग था. इस कारण उनके और तत्कालीन सरकार के बीच कुछ तनातनी भी रही. इस खींचतान के बीच उन्होंने साढ़े तीन साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया. वे सिर्फ 18 महीने ही आरबीआई के गवर्नर रहे.
दूसरा नाम के. जी. आंबेगांवकर का भी है. आंबेगांवकर आरबीआई के 5वें गवर्नर थे, हालांकि वह अंतरिम गवर्नर रहे. उनका कार्यकाल 14-01-1957 से लेकर 28-02-1957 तक रहा. इस बीच उन्होंने कभी भी नोट पर हस्ताक्षर नहीं किए. लेकिन आंबेगांवकर आरबीआई में डिप्टी गवर्नर बनने से पहले वित्त सचिव थे और भारत में 1 रुपए के नोट पर वित्त सचिव के साइन किए जाते हैं. ऐसे में बतौर वित्त सचिव उनके हस्ताक्षर 1 रुपए के नोट पर मिलते हैं.