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रेणु जोगी और अमित जोगी की कांग्रेस में वापसी क्या होगी आसान? क्या कहती है कमेटी?

रायपुर. छत्तीसगढ़ कांग्रेस में रेणु जोगी और अमित जोगी की वापसी के रास्ते काफी मुश्किल भरे हैं. दरअसल इनकी वापसी के मुद्दे पर कांग्रेस के भीतर जबर्दस्त विरोध के स्वर हैं. ना केवल पार्टी के ज्यादातर बड़े नेता बल्कि पार्टी में वापसी के लिए बनाई गई कमेटी के ज्यादातर नेता अमित और रेणु जोगी के खिलाफ हैं. जनता कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रेणु जोगी ने अपने और अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी के साथ पार्टी को कांग्रेस में विलय करने के लिए पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को चिट्ठी लिखी थी. कांग्रेस ने पार्टी से बाहर हुए कांग्रेस के नेताओं की वापसी के आवेदन पर विचार करने के लिए एक कमेटी बनाई है. कमेटी के गठन के बाद फौरन रेणु जोगी की चिट्ठी के साथ पूर्व विधायक बृहस्पति सिंह ने भी वापसी के लिए अपील करनी शुरू की.

वहीं बृहस्पति सिंह ने भी टीएस सिंहदेव से माफी मांगी. हालांकि टीएस सिंहदेव ने अपना रूख साफ कर दिया कि वो माफ नहीं करेंगे. वहीं इस मामले में कमेटी की पहली बैठक दिल्ली में हुई. इस बैठक में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट के साथ पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज तीनों प्रभारी सचिव के साथ कमेटी के सदस्यों को ऑनलाइन जोड़ा गया था.कमेटी के सदस्यों का कहना है कि अभी रेणु जोगी के आवेदन और बृहस्पति सिंह के आवेदन पर कोई चर्चा नहीं हुई है. वहीं पार्टी के सुत्रों ने बताया कि जनता कांग्रेस के कांग्रेस में विलय और रेणु और अमित जोगी की वापसी को लेकर पार्टी के ज्यादातर नेता खिलाफ हैं. दरअसल अंतागढ़ टेपकांड पूरे प्रदेश में चर्चित हैं. इसमें कांग्रेस के प्रत्याशी मंतुराम पवार के नाम वापसी के पीछे अमित जोगी और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी पर आरोप लगे थे. साथ ही पार्टी के लोग यह मानते हैं कि पिछले के साथ मौजूदा विधानसभा चुनाव में भी अमित जोगी ने कांग्रेस को बहुत नुकसान पहुंचाया. अगर उनकी वापसी पार्टी करती है तो यह आत्मघाती कदम होगा.

पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल भी नीचे गिरेगा. कमेटी के सदस्य धनेंन्द साहू ने बताया कि अभी करीब एक दर्जन आवेदन आए हैं, जिसमें पूर्व विधायकों के भी है. जाहिर तौर पर पार्टी के भीतर रेणु जोगी और अमित जोगी की वापसी को लेकर जमकर आक्रोश है. पार्टी के बड़े नेताओं ने बिना कैमरे में आए कहा कि वापसी शायद ही हो क्योंकि इसके बाद घमासान मच सकता है. हालांकि एक तबका ऐसा भी है जो चाहता है कि रेणु जोगी की कम से कम वापसी हो. वहीं भूपेश बघेल खेमे के खिलाफ रहने वाले नेता अमित जोगी की वापसी चाहते हैं. आखिर राजनीति तो राजनीति है.

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