- रायगढ़ से पुनः शुरू हुई योजना में 10 महिला स्वयं सहायता समूहों को वितरण अनुबंध
- बच्चों को पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराना तथा महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता देना इस योजना का लक्ष्य
- PMFME के अंतर्गत इस योजना के ज़रिये पूंजीगत अनुदान भी मिलेगा..
छत्तीसगढ़ सरकार ने “Ready-to-Eat योजना” को एक बार फिर से महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के हाथों में सौंपते हुए रायगढ़ ज़िले से योजना की पुनः शुरुआत की है। यह फैसला महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने और बच्चों को पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराने के दोहरे उद्देश्य को ध्यान में रखकर लिया गया है।

🍱 “Ready-to-Eat” योजना क्या है?
यह एक मिड-डे मील से जुड़ी सामाजिक योजना है, जिसके अंतर्गत:
- पूर्व-तैयार (Ready-to-Eat) पोषण आहार जैसे मिक्स दाल खिचड़ी, सूखा पोहा, हलवा मिक्स, उपमा मिक्स इत्यादि
- 0 से 6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं, तथा कुपोषण पीड़ितों को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से वितरित किए जाते हैं।
👩🌾 महिला SHG को कैसे जोड़ा गया?
- रायगढ़ में 10 महिला स्वयं सहायता समूहों (महिला समूह/महिला मंडल) को आपूर्ति, उत्पादन और पैकिंग का जिम्मा सौंपा गया।
- इन समूहों को राज्य सरकार द्वारा:
- उपकरण खरीदने हेतु पूंजीगत अनुदान
- PMFME (प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज) योजना के तहत वित्तीय और तकनीकी सहयोग
- प्रशिक्षण, मार्केटिंग और क्वालिटी नियंत्रण का भी समर्थन मिलेगा।
🎯 उद्देश्य और लाभ
🔶 1. बच्चों को पोषण
- कुपोषण रोकथाम के तहत यह योजना बच्चों को संतुलित आहार देकर उनके शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करती है।
🔶 2. महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण
- SHG की महिलाएं स्वरोजगार के साथ-साथ स्थायी आमदनी अर्जित कर सकेंगी।
- इससे महिलाएं बैंक लोन, लघु उद्योग, और स्वतंत्र कारोबार की दिशा में आगे बढ़ेंगी।
🔶 3. स्थानीय उत्पादन व आत्मनिर्भरता
- स्थानीय स्तर पर छोटे पैमाने पर उद्योगों का विकास होगा
- आत्मनिर्भर भारत अभियान और वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा मिलेगा।
🧭 योजना के प्रमुख तथ्य
तत्व | विवरण |
---|---|
📍 प्रारंभ | रायगढ़ ज़िले से |
👩👩👧 SHG शामिल | 10 महिला समूह |
💰 सहयोग योजना | PMFME (प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना) |
🎯 लक्ष्य | पोषण + महिला सशक्तिकरण |
🧺 उत्पाद | रेडी-टू-ईट खिचड़ी मिक्स, दलिया, हलवा मिक्स, सूखा पोहा आदि |
🗣️ सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
जिला कलेक्टर रायगढ़:
“यह पहल महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मील का पत्थर है और बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करती है।”
राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग:
“PMFME जैसी योजनाओं के साथ जुड़कर SHG समूहों को दीर्घकालीन फायदा होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।”
📌 निष्कर्ष
“Ready-to-Eat योजना” का SHG के माध्यम से पुनः संचालन:
- बच्चों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा
- महिलाओं के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता
- और समाज के लिए स्थायी विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।