मनोरंजन

Rashmika Mandanna ने बताया कि उनकी छवि का बिना अनुमति इस्तेमाल कर AI-डिपफेक्‍स बनाए जा रहे हैं।

उन्होंने इसे “बहुत डरावना” अनुभव बताया और युवाओं, खासकर महिलाओं, के लिए ऑनलाइन सुरक्षा की जरूरत पर जोर दिया।

रश्मिका मंदाना पर AI Deepfake विवाद — अभिनेत्री की सख्त प्रतिक्रिया

🔹 क्या हुआ?

प्रसिद्ध अभिनेत्री रश्मिका मंदाना ने हाल ही में सोशल मीडिया पर खुलासा किया कि उनकी छवि (image) का उपयोग करके AI-generated fake videos बनाए जा रहे हैं — यानी ऐसे डिपफेक वीडियो, जिनमें उनका चेहरा किसी और शरीर या दृश्य पर डिजिटल रूप से चिपकाया गया है।

इन वीडियो में ऐसा दिखाया जा रहा था जैसे रश्मिका ने एक विशेष ड्रेस पहनी है, जबकि उन्होंने ऐसा कोई फोटोशूट या वीडियो कभी किया ही नहीं था।


🔹 अभिनेत्री ने क्या कहा?

रश्मिका ने इस पर गहरी चिंता जताते हुए कहा —

“मैंने वह ड्रेस कभी नहीं पहनी थी। जब मैंने यह वीडियो देखा, तो मैं दंग रह गई। यह बहुत डरावना है कि कोई आपकी छवि का इतना गलत इस्तेमाल कर सकता है।”

उन्होंने आगे कहा कि AI और Deepfake टेक्नोलॉजी का गलत उपयोग आज न केवल सेलिब्रिटीज़, बल्कि आम महिलाओं के लिए भी बड़ा खतरा बनता जा रहा है।

“यह केवल मेरे साथ नहीं — किसी भी व्यक्ति के साथ हो सकता है। यह बहुत जरूरी है कि हम ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर जागरूक हों और सख्त कानून लागू हों।”


🔹 क्या है Deepfake?

“Deepfake” एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित तकनीक है, जिसमें किसी व्यक्ति के चेहरे या आवाज़ को डिजिटल रूप से किसी और वीडियो या ऑडियो पर चिपकाकर ऐसा भ्रम पैदा किया जाता है कि वह असली लगने लगे।
इससे गलतफहमियाँ, फेक न्यूज़, या यौन शोषण जैसी गंभीर स्थितियाँ बन सकती हैं।


🔹 सरकार और उद्योग की प्रतिक्रिया

  • सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने हाल ही में AI-Deepfake के दुरुपयोग पर नकेल कसने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी किया है।
  • केंद्र सरकार ने कहा है कि अगर प्लेटफॉर्म ऐसे वीडियो नहीं हटाते, तो उनके खिलाफ IT Act 2000 की धारा 66D और 69A के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
  • कई फिल्म संघ और डिजिटल अधिकार समूहों ने भी “Consent-based AI regulation” की मांग की है, ताकि किसी की छवि या आवाज़ का बिना अनुमति इस्तेमाल अपराध माने जाए।

🔹 क्यों है यह मुद्दा अहम?

रश्मिका मंदाना का मामला इस बात की चेतावनी है कि AI-Deepfake अब सिर्फ तकनीकी प्रयोग नहीं, बल्कि डिजिटल अपराध का हथियार बनता जा रहा है।
खासकर महिलाएँ, सार्वजनिक हस्तियाँ, और युवा — इनका डेटा और चेहरे ऑनलाइन ज़्यादा मौजूद रहते हैं, जिससे वे अधिक निशाने पर होते हैं।


🔹 रश्मिका का संदेश

“हमें डिजिटल दुनिया में अपने अधिकार और सीमाएँ समझनी होंगी।
यह केवल ‘फेम’ की बात नहीं, बल्कि ‘सुरक्षा’ और ‘इज्ज़त’ की बात है।”

उन्होंने अपने फॉलोअर्स से भी अपील की कि ऐसे फेक वीडियो को शेयर न करें, और तुरंत रिपोर्ट करें।

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