राज्यपाल श्री डेका से हार्टफुलनेस संस्थान के डायरेक्टर श्री चॉवला ने की सौजन्य भेंट..

राज्यपाल से हार्टफुलनेस संस्थान की सौजन्य भेंट — नशामुक्ति अभियान पर विस्तृत चर्चा
आज राजभवन में हार्टफुलनेस संस्थान के निदेशक श्री त्रिलोचन चावला ने राज्यपाल श्री रमेन डेका से सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान के प्रमुख श्री कमलेश डी. पटेल (दाजी) द्वारा जैन तीर्थंकरों पर लिखी पुस्तक राज्यपाल को भेंट की।
राज्यपाल श्री डेका ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि “नशामुक्त समाज निर्माण की दिशा में ऐसे प्रयास अनुकरणीय हैं” और ये कदम समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक साबित होंगे।

भेंट के दौरान श्री त्रिलोचन चावला ने छत्तीसगढ़ में संस्थान द्वारा चलायी जा रही आध्यात्मिक और सामाजिक गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी और राज्य को लक्षित नशामुक्ति अभियान के लिए संस्थान की कार्ययोजना से राज्यपाल को अवगत कराया। कार्ययोजना के प्रमुख बिंदु — जिनका उल्लेख बैठक में किया गया — संक्षेप में इस प्रकार हैं:
- जागरूकता एवं sensitisation अभियान: ग्राम-स्तर और शहरों में नशा-प्रवृत्ति के खतरों पर सेमिनार, स्कूलों/कॉलेजों में कार्यशालाएँ और परिवारों के लिए सूचना सत्र।
- ध्यान/मेडिटेशन कार्यक्रम: युवाओं, परिवारों और जोखिम समूहों के लिए नियमित हार्टफुलनेस ध्यान सत्र ताकि मानसिक दबाव कम हो और नशे की प्रवृत्ति पर काबू पाया जा सके।
- काउंसलिंग व प्रारम्भिक सहायता: प्रशिक्षित स्वयंसेवकों व काउंसलरों के माध्यम से शुरुआती परामर्श, अनुगमन और आवश्यक होने पर विशेषज्ञ पुनर्वास सेवाओं से संपर्क।
- स्थानीय समुदायों में भागीदारी: पंचायतों, स्कूलों, महिला समूहों और एनजीओ के साथ समन्वय कर कार्यक्रमों का संचालन तथा स्वयंसेवक नेटवर्क का विकास।
- प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण: स्थानीय स्वास्थ्यकर्मियों, शिक्षकों और स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग देकर सतत समर्थन तंत्र बनाना।
- मॉनीटरिंग और परिणाम-अंकन: अभियान के प्रभाव को मापने के लिए सर्वे/रिपोर्टिंग तंत्र और समय-समय पर समीक्षा।
भेंट के दौरान यह भी बताया गया कि संस्थान छत्तीसगढ़ में पहले से ही आयोजित ध्यान शिविरों, सामुदायिक बैठकों और युवा-केन्द्रित पहलों के ज़रिये सक्रिय है। श्री चावला ने राज्यपाल को बताया कि संस्थान स्थानीय जरूरतों के अनुसार कार्यक्रमों को अनुकूलित करने, सरकारी निकायों के साथ सहयोग करने और ज़रूरत पड़ने पर पायलट परियोजनाएँ चलाने के इच्छुक है।
प्रभाव और आगे की संभावनाएँ:
- राज्यपाल की सराहना से इस पहल को राजभवन स्तर का मान्यता-समर्थन मिला है, जो सरकारी तथा गैर-सरकारी साझेदारियों को प्रोत्साहित कर सकता है।
- अगर राज्य और संस्थान मिलकर जिला-स्तर पर पायलट चलाएँ तो नशामुक्ति के वास्तविक परिणामों का त्वरित आकलन संभव होगा और सफल मॉडलों को पूरे प्रदेश में फैलाया जा सकेगा।
- आध्यात्मिक तकनीकों के साथ सशक्त सामुदायिक कार्य और काउंसलिंग सेवाएँ मिलकर नशे के जोखिम वाले वर्गों को सकारात्मक विकल्प प्रदान कर सकती हैं।