राजनीति
पूर्व CM भूपेश बघेल द्वारा अपने पुत्र चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी पर कसा गया तंज…

रायपुर l छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल द्वारा अपने पुत्र चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी पर कसा गया तंज और उसका राजनीतिक विश्लेषण विस्तार से बताया जा रहा है:

🗣️ भूपेश बघेल का तंज और बयान
- गिरफ्तारी के बाद Raipur में ED कार्यालय में बेटे से मिलने पहुंचे भूपेश बघेल ने कहा: “डरा — धमकाकर बदनाम करना चाहती है सरकार; पेड़ों की कटाई का विरोध करने पर गिरफ्तारी”
इस टिप्पणी से साफ़ है कि कांग्रेस नेता इसे सरकार की “राजनीतिक प्रतिशोध” नीति मानते हैं। - उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पीएम–शाह की ‘भय की राजनीति’ में जेल तक का प्रयोग कर रही है। ऐसा बोलकर उन्होंने तंज के रूप में स्पष्ट किया कि:
“इनके दिमाग में बसा हुआ है भूपेश बघेल का डर” — यानी, केंद्र सरकार उनके विरोध से इतनी भयभीत है कि किसी भी हद तक जा सकती है।
🧩 राजनीतिक संदर्भ
- शराब घोटाले की जांच के सिलसिले में ED की यह कार्रवाई उस समय हुई जब पहले से कई लोग — पूर्व मंत्री, अधिकारी और कारोबारी — जांच में शामिल थे।
- छह दिन पहले ED ने चैतन्य को गिरफ्तार किया, और कोर्ट की 5 दिन की रिमांड देते हुए बाद में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा।
- इस पूरे घटनाक्रम में विपक्षी दलों ने यह आरोप लगाया है कि यह “पूरे विपक्ष को डराने, दबाने और प्रत्याशी की तैयारियों को प्रभावित करने का दावा है”, विशेष रूप से आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए।
👥 कांग्रेस और विपक्ष की प्रतिक्रिया
- भूपेश बघेल ने राहुल गांधी से भी मुलाकात की, और कहा कि यह सिर्फ उनके बेटे को ही निशाना नहीं, बल्कि कांग्रेस वादों और विपक्ष का शांत आलोचना करने पर लगाया गया प्रतिबंध है
- कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश में सड़क प्रदर्शन कर रहे हैं और इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया जा रहा है
- सोशल मीडिया पर ‘डर की राजनीति’ को लेकर व्यापक चर्चा, समर्थन एवं विरोध की प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं।
⚖️ कानूनी और भावनात्मक असर
- चैतन्य को ED की पकड़ में रखने से पहले कोर्ट द्वारा उन्हें थोड़ी राहत, रिहाई की गुंजाइश, और 14 दिन की हिरासत दी गई ।
- बघेल परिवार की भावनात्मक प्रतिक्रिया—जैसे कोर्ट आने-जाने, जेल की सीमायें, जन्मदिन में गिरफ्तार होना—सबने राजनीतिक और मानवीय वातावरण तैयार किया।
🧭 निष्कर्ष
- मुख्य तंज: “इनके दिमाग में बसा हुआ है भूपेश बघेल का डर” – यह बयान कांग्रेस द्वारा इसे राजनीतिक प्रतिशोध और भय पर आधारित कार्रवाई करार देने का स्पष्ट संकेत है।
- राजनीतिक रणनीति: बयान के ज़रिए विरोध तेज़ करने, केंद्र को कटघरे में लाने और आगामी चुनाव में ‘पीछड़े वर्ग व आम आदमी की आवाज़ दबाई गई’ की भावना को हवा देने की कोशिश की जा रही है।