प्रियंका गांधी को दिल्ली के प्रदूषण की चिंता

दिल्ली में वायु गुणवत्ता (Air Quality) लगातार बिगड़ रही है। हवा में धुएं, धूल और स्मॉग की मोटी परत छाई हुई है। इसी बीच कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी दिल्ली की इस भयावह स्थिति को लेकर गहरी चिंता जताई है।
🗣️ प्रियंका गांधी का बयान
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक विस्तृत पोस्ट शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से अपील की है कि —
“हम सब इसी हवा में सांस ले रहे हैं। अब वक्त आ गया है कि हम अपनी राजनीतिक मजबूरियों को किनारे रखकर एकजुट होकर इस समस्या का समाधान ढूंढें।”
उन्होंने लिखा कि जब वे वायनाड और बिहार के बछवाड़ा से दिल्ली लौटीं, तो हवा में फैली जहरीली धुंध देखकर वे बेहद चिंतित हुईं। उन्होंने इसे “धुएं और ग्रे रंग के आवरण” से ढंके शहर के रूप में बताया।

🏛️ सरकारों से संयुक्त कार्रवाई की मांग
प्रियंका गांधी ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों से अपील की कि वे मिलकर इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ठोस और तत्काल कदम उठाएं।
उन्होंने कहा —
“साल दर साल दिल्ली के नागरिक इस ज़हरीली हवा का शिकार होते हैं। सांस की समस्याओं से जूझ रहे लोग, स्कूल जाने वाले बच्चे और बुजुर्ग इस गंदी धुंध से सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं।”
“इस भयावह स्थिति को कम करने के लिए जो भी कदम उठाए जाएंगे, हम सब उनका समर्थन और सहयोग करेंगे।”
📊 दिल्ली में वायु गुणवत्ता (AQI) की मौजूदा स्थिति
- औसत AQI: लगभग 303, जो “बेहद खराब (Very Poor)” श्रेणी में आता है।
- वजीरपुर और आनंद विहार जैसे इलाकों में AQI “गंभीर (Severe)” स्तर तक पहुंच चुका है।
- शहर के 39 निगरानी केंद्रों की रिपोर्ट के अनुसार, वायु गुणवत्ता लगातार गिर रही है।
- हवा में PM2.5 और PM10 कणों की मात्रा WHO के मानकों से कई गुना ज़्यादा पाई गई है।
⚠️ प्रदूषण के मुख्य कारण
- पराली जलाना — हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी यूपी में खेतों में फसल अवशेष जलाने से धुआं दिल्ली तक फैलता है।
- वाहन उत्सर्जन — गाड़ियों से निकलने वाला धुआं और धूल मुख्य योगदानकर्ता हैं।
- निर्माण कार्य — बड़ी मात्रा में उड़ती धूल वायु गुणवत्ता को खराब करती है।
- मौसमी स्थितियाँ — ठंडी हवाएं और कम हवा की गति के कारण प्रदूषण का स्तर ऊपर बना रहता है।
🧩 सरकारें क्या कर रही हैं?
- ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू है — इसके तहत निर्माण कार्यों पर पाबंदी, डीज़ल जेनरेटर पर रोक, और स्कूलों को बंद करने पर विचार किया जा रहा है।
- दिल्ली सरकार ने कई इलाकों में पानी का छिड़काव, स्मॉग टावर और इलेक्ट्रिक बसों का इस्तेमाल बढ़ाने की दिशा में काम शुरू किया है।
- केंद्र सरकार भी राज्यों के साथ समन्वय बैठकें कर रही है ताकि पराली जलाने के विकल्पों पर काम किया जा सके।
🧠 विशेषज्ञों की राय
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक केंद्र और राज्यों के बीच साझा नीति नहीं बनेगी और दीर्घकालिक योजना लागू नहीं होगी, तब तक हर साल यही स्थिति दोहराई जाएगी।



