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प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की एक ही दिन में राष्ट्रपति से मुलाकात..

  • 3 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की, और कुछ घंटे बाद गृह मंत्री अमित शाह ने भी उनसे अलग से मुलाकात की ।
  • दोनों बैठकों का उद्देश्य अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है—राष्ट्रपति कार्यालय (PIB) या पीएमओ से कोई विवरण जारी नहीं किया गया है ।
  • पृष्ठभूमि में संसद में बिहार वोटर लिस्ट पुनरीक्षण (Special Intensive Revision — SIR) पर विपक्ष द्वारा लगाई जा रही तकरार और गड़बड़ी शामिल है।

📅 समय की सामंजस्यता: महत्व का दिन

  • यह मुलाकातें 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण की छठी वर्षगांठ से कुछ दिन पहले हुईं हैं ।
  • 5 अगस्त 2019 को J&K से विशेष दर्जा हटाया गया था और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था। उसी दिन अयोध्या राम मंदिर भूमि पूजन की नींव रखी गई थी ।

🧾 संसद में पेश हो सकता है यह बड़ा बिल

विशिष्ट स्रोतों से मिली जानकारी के आधार पर:

  • सबसे अधिक चर्चा हो रही है कि जम्मू-कश्मीर को पुनः राज्य का दर्जा (Statehood Restoration Bill) देने संबंधी बड़ा विधेयक संसद में पेश किया जा सकता है ।
  • भारत Today की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा सरकार इस दिशा में सक्रिय है — हाल ही में J&K से संबंधित नेताओं से कृषि मंत्री अमित शाह की चर्चा का जिक्र भी है, जिससे यह संभावना और मजबूत होती है।
  • इसके साथ-साथ अमित शाह की J&K और लद्दाख के प्रतिनिधियों से की गई बराबर बातचीत भी इसी तैयारी की ओर संकेत करती है।

⚠️ सियासी संदर्भ और माहौल

  • संसद की मौजूदा मॉनसून सत्र (beginning July 21, 2025) में Bihar SIR विवाद और विपक्ष की हंगामी कार्रवाई ने विधायी प्रक्रिया को प्रभावित किया है। विपक्ष ने कई घण्टों तक सदन में कार्यवाही अवरुद्ध की है।
  • दूसरी ओर, सरकार लगातार अपना विधेयक एजेंडा आगे बढ़ा रही है—लोकसभा में Manipur में राष्ट्रपति शासन प्रसारण, और राज्यसभा में Carriage of Goods by Sea Bill जैसे विधेयक सूचीबद्ध किए गए हैं।

🧭 सारांश टेबल

पहलूविवरण
👥 बैठकेंPM मोदी व HM शाह ने 3 अगस्त 2025 को अलग-अलग राष्ट्रपति से मुलाकात
🧩 संसद की स्थितिBihar SIR विवाद से सांसद चर्चा अवरुद्ध, विधेयक सूचीबद्ध हैं
🎯 संभावित विधेयकJammu & Kashmir को फिर से राज्य का दर्जा देना
📅 रणनीतिक तारीख5 अगस्त के आसपास—370 निरस्तीकरण की वर्षगांठ से पहले
📌 राजनीतिक संकेतJ&K नेताओं से अमित शाह की बातचीत, PMO से स्पष्ट सूचना का अभाव

🔍 निष्कर्ष

प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की एक ही दिन में राष्ट्रपति से अलग-अलग मुलाकातें, संघीय राजधानी में सियासी हलचलों को हवा प्रदान कर रही हैं। यह मुलाकातें 5 अगस्त 2019 की विशाल ऐतिहासिक घटनाओं की वर्षगांठ से पहले आयोजित की गई हैं, जिससे J&K के राज्य पुनरुद्धार विधेयक की संसद में संभावित पेशी की चर्चाएँ तेज हो गई हैं।

विवादित Bihar SIR प्रश्न, सियासत, और संभावित राज्य पुनर्गठन विधेयक मिलकर एक महत्वपूर्ण राजनीतिक समयरेखा का संकेत दे रहे हैं। संसद की आगामी कार्यवाही तय करेगी कि क्या यह प्रस्ताव शीघ्र ही औपचारिक रूप से पेश किया जाता है या नहीं।

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