छत्तीसगढ़
प्रदेशवासियों से ‘वेटलैण्ड मित्र’ बनने का आह्वान किया मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने..

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पर्यावरण संरक्षण और जल-आधारित पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रदेशवासियों से ‘वेटलैण्ड मित्र’ (Wetland Mitra) बनने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि वेटलैण्ड्स (आर्द्रभूमियां) हमारी जैविक विविधता, जल सुरक्षा और पारिस्थितिक संतुलन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। इनका संरक्षण हमारी सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्यमंत्री का संदेश:
- मुख्यमंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि वे स्थानीय वेटलैण्ड्स को अपनाएं, उनकी निगरानी करें और संरक्षण में भागीदार बनें।
- उन्होंने युवाओं, छात्रों, स्वयंसेवी संगठनों और ग्रामवासियों से वेटलैण्ड संरक्षण अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की।
- उन्होंने कहा कि जैसे वन मित्र या जल मित्र बनाए जाते हैं, वैसे ही वेटलैण्ड मित्र बनाकर सामुदायिक जागरूकता और स्थानीय भागीदारी को बढ़ाया जाए।
वेटलैण्ड्स का महत्व:
- ये प्राकृतिक जल शोधन तंत्र के रूप में काम करते हैं।
- बाढ़ नियंत्रण, भूजल रिचार्ज और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में सहायक होते हैं।
- पक्षियों, मछलियों और अन्य जलजीवों का प्राकृतिक आवास होते हैं।
- कई समुदायों की आजीविका वेटलैण्ड्स पर निर्भर करती है।
राज्य सरकार की पहलें:
- छत्तीसगढ़ में वेटलैण्ड संरक्षण और प्रबंधन नीति पर काम हो रहा है।
- वेटलैण्ड्स की पहचान, सीमांकन, निगरानी और पुनर्स्थापन के लिए GIS आधारित मैपिंग की जा रही है।
- स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं को वेटलैण्ड्स के संरक्षण में शामिल किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण कोई अकेले सरकार का कार्य नहीं, बल्कि जनभागीदारी से ही यह अभियान सफल हो सकता है। इस दिशा में प्रत्येक नागरिक का यह दायित्व है कि वह अपने आसपास की प्रकृति की रक्षा करे और ‘वेटलैण्ड मित्र’ बनकर इस आंदोलन को जनांदोलन में बदले।